कोलकाता में तीन सफाईकर्मियों की मौत, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन की जांच करेगा केएमसी

कोलकाता, 03 फरवरी (हि. स.)। कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने तीन सफाईकर्मियों की दर्दनाक मौत के मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। ये कर्मी कोलकाता लेदर कॉम्प्लेक्स में एक सीवर पाइप की मैन्युअल सफाई कर रहे थे, जब रविवार सुबह यह हादसा हुआ। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महानगरों में मैन्युअल सफाई पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था, जिसमें कोलकाता भी शामिल है।

इसे लेकर केएमसी के सीवरेज और ड्रेनेज विभाग के कुछ पर्यवेक्षी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू होने जा रही है। मेयर फिरहाद हकीम ने सोमवार को यह जानकारी दी है। इस घटना ने नगर निगम प्रशासन को गंभीर रूप से शर्मिंदा किया है, जिसके चलते फिरहाद हकीम ने स्वयं दुर्घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने और आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं।

नगर निगम की जांच दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित होगी :

1. किसके आदेश पर सफाईकर्मी सीवर पाइप में उतरे, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है?

2. क्या सफाईकर्मियों को आवश्यक सुरक्षा उपकरण और गैस मास्क प्रदान किए गए थे, या उन्हें असुरक्षित परिस्थितियों में प्रवेश करने के लिए मजबूर किया गया था?

इसके अलावा, मौत के कारण को लेकर भी संदेह बना हुआ है—क्या सफाईकर्मियों की मौत सीवर में जमा गंदे पानी में डूबने से हुई, या वे विषैली गैसों के कारण दम घुटने से मारे गए? इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में मैन्युअल सीवर सफाई पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। अदालत ने नगर निगम प्रमुखों को आदेश दिया था कि वे 13 फरवरी तक हलफनामा दाखिल कर यह बताएं कि इस प्रथा को खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होनी है, और केएमसी को कोर्ट में कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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