आर. जी. कर : अंतिम बहस शुरू, फॉरेंसिक रिपोर्ट ने जांच पर उठाए सवाल

कोलकाता, 4 जनवरी (हि.स.) । कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इस मामले की अंतिम बहस विशेष अदालत में शनिवार से शुरू हो गई है। इस बीच, एक नई फॉरेंसिक रिपोर्ट ने पूरे मामले में नए सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे जांच की दिशा पर गहरा असर पड़ सकता है।

सूत्रों के अनुसार, अदालत में मुख्य रूप से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और इस अपराध के एकमात्र आरोपित संजय रॉय के वकील के बीच बहस हो रही है। हालांकि, पूरी सुनवाई पहले की तरह ही इन-कैमरा होगी, यानी मीडिया को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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फॉरेंसिक रिपोर्ट ने ‘क्राइम सीन’ पर उठाए सवाल

इस मामले में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की एक नई रिपोर्ट सामने आई। इस रिपोर्ट के अनुसार, आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में किसी भी तरह की झड़प या संघर्ष के वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं, जबकि अब तक पुलिस और सीबीआई इसी जगह को अपराध स्थल मानकर जांच कर रही थी।

यह रिपोर्ट उन आशंकाओं को भी बल देती है, जो राज्य के मेडिकल समुदाय के कुछ लोगों ने पहले ही जताई थी। उनका मानना था कि असली अपराध स्थल कहीं और था और जांच को भटकाने के लिए शव को सेमिनार हॉल में लाया गया।

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पोस्टमार्टम प्रक्रिया पर गंभीर आरोप

सीएफएसएल रिपोर्ट ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया में भी गंभीर खामियां उजागर की हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टमार्टम के दौरान गोपनीयता से जुड़ी प्रक्रियाओं का उल्लंघन हुआ और आवश्यक मानकों का पालन नहीं किया गया। यह मामला और जटिल तब हो गया जब रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई कि अपराध में सिर्फ एक ही व्यक्ति शामिल था या इसमें और लोग भी थे, इसका निर्णायक निष्कर्ष निकालने के लिए और वैज्ञानिक अनुसंधान की जरूरत होगी।

अब जबकि अदालत में अंतिम बहस शुरू हुई है, कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि सीएफएसएल रिपोर्ट को लेकर अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के बीच तीखी बहस हो सकती है। इस बहस के नतीजे न केवल इस मामले के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि भविष्य में ऐसे मामलों की जांच प्रक्रिया पर भी बड़ा असर डाल सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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