फर्जी इन्श्योरेन्स पॉलिसी बनाकर साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार

-इन्श्योरेन्स कम्पनियों की एप में छेड़छाड़ कर तैयार करते थे फर्जी पॉलिसी

गाजियाबाद, 11 मार्च (हि.स.)। थाना साइबर क्राइम पुलिस ने मंगलवार को इन्श्योरेन्स कम्पनियों की एप में छेड़छाड़ कर फर्जी इन्श्योरेन्स पॉलिसी बनाकर साइबर फ्रॉड करने वाले

गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। घटना में प्रयुक्त 04 मोबाइल फोन बरामद किये गए हैं।

एडीसीपी (क्राइम) पीयूष सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में एक इन्श्योरेन्स कम्पनी का एजेंट भी शामिल है। आरोपियों में रिछपाल पुरी थाना कोतवाली निवासी

विकास कश्यप,ग्राम पारपा थाना धौलाना हापुड़ निवासी

आकाश सिसोदिया,सिविल लाइंस, जनपद मुरादाबाद निवासी याक़ूब तथा आरिम अली है।

उन्होंने बताया कि 8 मार्च को आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इन्श्योरेन्स के उपाध्यक्ष संजय ठाकुर ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि गाजियाबाद के पालिसी एजेन्ट ने उनकी कम्पनी के इन्श्योरेन्स एप में छेड़छाड़ कर वाणिज्यिक वाहनों, निजी कारों, माल वाहक वाहनों को दोपहिया वाहन दिखाकर फर्जी इन्श्योरेन्स पालिसी तैयार कर कम्पनी को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है।

उन्होंने बताया कि विकास कश्यप जो कि कम्पनी में इन्श्योरेन्स पालिसी एजेन्ट है। पूछताछ में उसने बताया कि पुराने वाणिज्यिक वाहनों, निजी कारों, माल वाहक वाहनों के स्वामी द्वारा इन वाहनों का थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स ही कराया जाता है । इन इन्श्योरेन्स पालिसी का एक्सीडेन्ट होने पर थर्ड पार्टी क्लेम न्यायालय से लेने के अलावा अन्य कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है । इस वजह से इस पालिसी में छेड़छाड़ कर कम मूल्य की थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स पालिसी जनरेट करने पर उसका सत्यापन नहीं किया जाता है तथा कम मूल्य की जनरेटेड पालिसी आनलाइन वाहन के इन्श्योरेन्स होने की जरूरत को पूरी कर देता है । पालिसी धारक को यह ज्ञात नहीं हो पाता कि उसकी पालिसी फर्जी है । पुलिस आरटीओ चेकिंग के दौरान चालान एप पर भी केवल वाहन की बीमा की वैधता प्रदर्शित होती है। पालिसी की विस्तृत डिटेल प्रदर्शित नहीं होती । इसी बात का फायदा उठाकर आरोपी कमरुल हसन आरटीओ आफिस के एजेन्टों के माध्यम सेआईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इन्श्योरेन्स वाणिज्यिक वाहनों, निजी कारों, माल वाहक वाहनों के वाहन स्वामी से इन पुराने वाहनों के थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स कराने के लिये डिटेल प्राप्त कर के इन्श्योरेन्स पालिसी जनरेट करने वाले मोबाइल एप्लीकेशन में छेड़छाड़ कर वाणिज्यिक वाहनों, निजी कारों, माल वाहक वाहनों का थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स कम मूल्य के दोपहिया वाहन के रूप में करते थे । ये लोग कम मूल्य के कूटरचित दोपहिया वाहन के रूप में बनाई थर्ड पार्टी इन्श्योरेन्स पालिसी की जगह पुन: कम्प्यूटर से उसी वाहन की वास्तविक पालिसी मूल्य की कूटरचित पालिसी तैयार कर वाहन स्वामी को दे देते थे । इस प्रकार ये लोग प्रति वाहन करीब 12 हजार से 14 हजार रुपये बचा कर आपस में बाँट लेते थे ।

इस गैंग के द्वारा पूरे भारत में 12हजार से भी अधिक इन्श्योरेन्स पालिसियों में छेड़छाड़ कर फर्जी पालिसी बनाने का कृत्य अब तक प्रकाश में आ चुका है । गाजियाबाद के 61 वाहनों की फर्जी पालिसी के बारे में जानकारी हुई है । अभियुक्तों ने बताया कि चोला मंडलम

इन्श्योरेन्स कंपनी की भी फर्जी पालिसी तैयार की थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली

   

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