परिवार पर्व से संगठन पर्व तक एनसी, कांग्रेस को सबक सीखने की जरूरत: डॉ. अभिजीत जसरोटिया

जम्मू, 4 जनवरी (हि.स.)। परिवार पर्व से संगठन पर्व तक एनसी, कांग्रेस को सबक सीखने की जरूरत है जे बात जम्मू-कश्मीर भाजपा के प्रवक्ता डॉ. अभिजीत जसरोटिया जम्मू-कश्मीर भाजपा के मीडिया प्रभारी डॉ. प्रदीप महोत्रा ​​के साथ आज जम्मू में भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

डॉ. अभिजीत जसरोटिया ने अपने संगठनात्मक और नेतृत्व ढांचे में लोकतांत्रिक सिद्धांतों को खत्म करने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) की कड़ी आलोचना की। उन्होंने उनके दृष्टिकोण की तुलना अपने संगठन पर्व के माध्यम से लोकतंत्र को बढ़ावा देने की भाजपा की प्रतिबद्धता से की।

डॉ. जसरोटिया ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास नहीं करतीं और इसका पालन नहीं करतीं। वे सत्ता के गलियारों का आनंद लेने के लिए जनता और कार्यकर्ताओं को धोखा देने के लिए लोकतंत्र शब्द का उपयोग करते हैं।

डॉ. जसरोटिया ने कांग्रेस में अलोकतांत्रिक निर्णय लेने के एक ऐतिहासिक उदाहरण पर प्रकाश डाला। 1946 के कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) चुनावों में सरदार वल्लभभाई पटेल को 12 वोट मिले जबकि जवाहरलाल नेहरू को सिर्फ एक वोट मिला फिर भी लोकतांत्रिक जनादेश की उपेक्षा करते हुए नेहरू को भारत के पहले प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया। इसने एक प्रणाली के लिए मिसाल कायम की कांग्रेस में निर्वाचित नेतृत्व के बजाय चयनित नेतृत्व सर्वोपरी है।

उन्होंने नेकां पर जम्मू-कश्मीर में भी इसी तरह की अलोकतांत्रिक प्रथाओं को दोहराने का आरोप लगाया जिसने जमीनी स्तर को अलग-थलग कर दिया और वंशवादी राजनीति की संस्कृति पैदा की। डॉ. जसरोटिया ने कहा कि नेकां और कांग्रेस दोनों ने वंशवादी और अभिजात्य एजेंडे के पक्ष में जमीनी स्तर की आवाजों को दरकिनार करके लोकतांत्रिक भावना के साथ विश्वासघात किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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