हिसार : पौध वैज्ञानिकों के लिए ग्लोबल वार्मिंग बहुत बड़ी चुनौती : डॉ. राजबीर गर्ग

हकृवि के कीट विज्ञान विभाग में 21 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स शुरू

हिसार, 8 फरवरी (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग

में सेंटर ऑफ एडवांस्ड फैकल्टी ट्रेनिंग के तत्वावधान में 21 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स

आरंभ हुआ। कोर्स का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को स्थाई कृषि के लिए बदलते जलवायु

परिवेश में कीट प्रबंधन से अवगत करवाना है।

विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने शनिवार को कार्यक्रम

में का शुभारंभ करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग पौध वैज्ञानिकों के लिए एक बहुत बड़ी

चुनौती है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भविष्य में कीटों की समस्या बढ़ सकती है। उन्होंने

वैज्ञानिकों से इस दिशा में कार्य करने का आह्वान किया ताकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण

पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सके।

कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ एसके पाहुजा

ने बताया कि समन्वित कीट प्रबंधन वर्तमान समय की एक बहुत महत्वपूर्ण आवश्यकता है। कीट

विज्ञान विभाग की अध्यक्ष एवं कोर्स निदेशक डॉ. सुनीता यादव ने केंद्र की गतिविधियों

के बारे में विस्तार से जानकारी दी और ट्रेनिंग कोर्स की विषय वस्तु पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में देश के 7 राज्यों से विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों

के 19 वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। इस केन्द्र द्वारा आयोजित यह 37वां प्रशिक्षण कोर्स

है तथा अब तक देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 640 प्राध्यापक कीट विज्ञान के विभिन्न

सामयिक विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के

विभागाध्यक्ष, प्रशिक्षण संयोजक डॉ एस. एस. यादव, डॉ. कृष्णा रोलानिया, डॉ. दिलीप कुमार

तथा विभाग के सभी कीट वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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