जींद, 14 नवंबर (हि.स.)। पूरे विश्व को एकता, भाईचारे, ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाने वाले प्रथम पातशाही गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव पर गुरूवार को शहर में विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। नगर कीर्तन में विभिन्न समुदायों के लोगों ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी साहिब के समक्ष माथा टेक कर अपनी खुशी का इजहार किया।
गुरुघर के प्रवक्ता बलविंद्र सिंह के अनुसार नगर कीर्तन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में शानदार ढंग से सुशोभित किया गया तथा पालकी साहिब की अगुवाई गुरु के पंज प्यारे कर रहे थे तथा पीछे-पीछे समुह संगत सतनाम वाहेगुरु एवं गुरबाणी का जाप करती हुई नगर कीर्तन के साथ चल रही थी। जबकि सुखमणी साहिब की सेवादार पंज प्यारों के साथ आगे-आगे सुखमणी साहिब का सिमरण करे हुए झाडू की सेवा लगा रही थी।
नगर कीर्तन गुरूद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब से आरंभ हो कर पुरानी कचहरी, सिटी थाना, मेन बाजार, तांगा चौक, झांझ गेट होते हुए सिंह सभा गुरूद्वारा पहुंचा। यहां जलपान ग्रहण कर नगर कीर्तन वापस रामराय गेट बैंड मार्केट, फव्वारा चौक, पालिका बाजार होते हुए सायं गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब पर संपन्न हुआ। यहां पर हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की सदस्य बीबी परमिंदर कौर व सरदार अजायब सिंह तथा गुरुद्वारा साहिब के मैनेजर गुरविंदर सिंह चौगामा ने नगर कीर्तन का स्वागत किया गया। नगर कीर्तन में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा के बेटे युवा भाजपा नेता रुद्राक्ष मिड्ढा विशेष रूप से नगर कीर्तन में नतमस्तक हुए तथा संगत को गुरुपर्व की बधाई दी।
इस अवसर पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारिणी सदस्य बीबी परमिंदर कौर, जत्थेदार गुरजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरदार जसबीर सिंह टीटी, सरदार रमनदीप सिंह, सरदार कृपाल सिंह, सरदार जरनैल सिंह, सरदार जोगिंदर सिंह पाहवा, सरदार इंद्रजीत सिंह, दलजीत सिंह, शोभा सिंह, सरदार जसकरण सिंह, दर्शन सिंहए सतनाम सिंहए हरबंस सिंह मौजूद रहे। गुरूघर के प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने बताया कि नगर कीर्तन में रणजीत अखाड़ा के सेवादारों ने गतका के करिश्माई जौहर दिखाए। जिसमें गतके के साथ-साथ तलवारबाजी का शानदार प्रदर्शन किया गया। जबकि विभिन्न स्कूलों के बच्चे रंग-बिरंगी पौषाकों में आकर्षक मुद्राएं पेश कर रहे थे। स्कूली बच्चों ने गिद्दा, डंबल व पीटी शो किया। नगर कीर्तन से पहले अमृत सवेरे श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब में जाकर अपने गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था भी टेका। इसके अलावा भाई कन्हैया सेवा दल, भाई सोमाशाह सेवा दल, सभी सुखमणी सेवा सोसायटियां तथा गुरु तेग बहादुर सेवादल की सेवादार शुरू से लेकर आखिर तक नगर कीर्तन की सेवा में लगे रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा