पूर्व उपप्रधानमंत्री रवि लामिछाने की जमानत के खिलाफ सरकार की हाई कोर्ट में अपील

काठमांडू, 20 जनवरी (हि.स.)। पांच सहकारी बैंक के घोटाले में प्रमुख अभियुक्त बनाए गए पूर्व उपप्रधानमंत्री रवि लामिछाने को जिला अदालत के जमानत पर रिहा करने के खिलाफ सरकार की तरफ से हाई कोर्ट के अपील की गई है।

पोखरा के सूर्यदर्शन सहकारी बैंक और काठमांडू के स्वर्णलक्ष्मी सहकारी बैंक घोटाले में प्रमुख अभियुक्त बनाए जाने के बावजूद पोखरा और काठमांडू के जिला अदालत ने रवि लामिछाने को जमानत पर रिहा करने का फैसला दिया था। निचली अदालत के इस फैसले को गंडकी प्रदेश के हाई कोर्ट पोखरा और बागमती प्रदेश के हाई कोर्ट पाटन में जमानत रद्द करने की मांग की गई है।

नेपाल सरकार की तरफ से महान्यायाधिवक्ता कार्यालय ने दोनों जगह पर जमानत खारिज करने की मांग के साथ अपील की गई है। पोखरा जिला अदालत द्वारा रवि लामिछाने को सहकारी घोटाले में अभियुक्त बनाने के बावजूद 60 लाख रुपये की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।

सरकारी वकील कमला काफ्ले ने रवि को जमानत दिए जाने के खिलाफ अपील करते हुए फैसले को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि जमानत पर छोड़ने के कारण सबूतों के साथ छेड़खानी होने, गवाहों को प्रभावित करने के चलते जमानत रद्द करने की मांग की गई है।

पोखरा और काठमांडू के बाद रवि लामिछाने के खिलाफ इस समय भैरहवा के सुप्रीम सहकारी बैंक घोटाले में प्रमुख आरोपित के रूप में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। जल्द ही रवि को भैरहवा जिला अदालत में पेश होकर जमानत लेनी होगी।

इसके अलावा रवि लामिछाने के खिलाफ चितवन और बीरगंज के सहकारी बैंक घोटाले में आरोप पत्र दाखिल किए जाने की तैयारी अंतिम चरण में है। यदि हाई कोर्ट ने रवि को जमानत दिए जाने के फैसले को रद्द कर दिया तो उन्हें न्यायिक हिरासत में रहना होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

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