हिसार का अक्षय डंकी रूट से पहुंच गया अमेरिका, परिवार वालों को पता ही नहीं

104 अवैध प्रवासी भा​रतीयों की सूची में अक्षय

का नाम आने पर चला पता

हिसार, 5 फरवरी (हि.स.)। जिले के गांव खरड़ अलीपुर

का एक युवा डंकी रूट से अमेरिका कैसे पहुंचा, उसके घर वालों को पता ही नहीं है लेकिन

अब यह बात जानकार परिवार वाले चिंता में है। अमेरिका ने बुधवार को नई इमिग्रेशन पॉलिसी

के तहत जिन 104 अवैध प्रवासी भारतीयों का जबरन डिपोर्ट है, उनमें खरड़ अलीपुर का अक्षय

भी है। अक्षय के दादा एवं रिटायर्ड पशु चिकित्सक डॉ.

निहाल सिंह सैनी ने बताया कि अक्षय के पिता सुभाष सैनी भिवानी में फोटोस्टेट की दुकान

चलाते हैं, जिस कारण वे घर नहीं है। अक्षय की मां संतोष घर ही रहती हैं। अक्षय के दादा

निहाल सैनी ने बताया कि अमेरिका से अवैध रूप से गए भारतीयों को लाया गया है मगर अक्षय

अमेरिका गया ही नहीं।

वह कई बार अमेरिका जाने की बात तो करता था मगर दो महीने पहले

बात हुई तो उसने कहा कि मैं अमेरिका नहीं जाउंगा। अक्षय के दादा निहाल सैनी ने बताया

कि अक्षय 12वीं पास है और उसे शुरू से ही विदेश जाने का चाव था। उसने कई बार नौकरी

के लिए सरकारी फार्म भरे। इतना ही नहीं अक्षय का बड़ा भाई विनय बीकॉम पास है और वह भी

बेरोजगार है गांव में ही इधर-उधर घूमता है। परिवार के पास पांच एकड़ जमीन है। मेरे दो

बेटे सुभाष और देवेंद्र हैं और दोनों के ही दो-दो बच्चे हैं। सुभाष के दो लड़के हैं

जिसमें अक्षय और विनय हैं और देवेंद्र के एक बेटा और एक बेटी है। बेटी अंबाला में नर्सिंग

कोर्स कर रही है तो बेटा हिसार कॉलेज में पढ़ रहा है। अक्षय के पिता सुभाष की भिवानी

आईटीआई के पास भगवान फोटोस्टेट के नाम से दुकान है।

दादा निहाल सिंह सैनी ने बताया कि अक्षय करीब

दो साल से कैथल में ही रहता है। मौसी के जेठ के दो लड़के हैं और वे अमेरिका में रहते

हैं। उनको देखकर ही अक्षय अमेरिका जाने के लिए बातें करता था। मौसी के यहां पढ़ाई के

लिए भेजा था, मगर अमेरिका जाने की बात नहीं पता और ना ही अक्षय ने हमसे कभी पैसों के

लिए कहा कि अमेरिका जाने के लिए पैसे भिजवा दो। अक्षय से करीब एक महीना पहले बात हुई

थी। वह घर पर फोन कम ही करता था।

अक्षय के पिता सुभाष सैनी ने बताया कि अक्षय को

पढ़ाई के लिए मौसी के पास कैथल भेजा था। इसके बाद अक्षय आईलेट्स करने लगा। चंडीगढ़ आने-जाने

लगा। वहां कोचिंग में उसको पौने सात बैंड भी आए थे, मगर डंकी रूट से अमेरिका जाने की

बात हमारे समझ नहीं आ रही है। जब अक्षय घर आ जाएगा तो उससे बात करेंगे। अभी हम अक्षय

को लेकर चिंतित हैं। अक्षय के पिता के अनुसार उसके पास किसी का फोन आया था और उसने

उन लोगों की लिस्ट भेजी जो अमेरिका से आ रहे हैं, उसमें मेरे बेटे का नाम था तो मैं

डर गया और दुकान से सीधा हिसार अपने गांव के लिए निकल पड़ा। सुभाष ने बताया कि बेटा

जब घर आ जाएगा तो उससे पूछेंगे वह कैसे अमेरिका गया।

अशोक सैनी ने बताया कि अमेरिका भेजने के लिए पैसे

लगते हैं और हमारे पास इतना पैसा नहीं कि बेटे को अमेरिका भेज दें और अक्षय ने भी कभी

पैसे नहीं मांगे। पिता ने बताया कि मेरे दोनों बेटे बेरोजगार हैं। मेरी फोटोस्टेट की

दुकान है तो वह दोनों बेटों के लिए फॉर्म भरते रहते हैं मगर आज तक कोई पेपर क्लियर

नहीं हुआ। छोटा बेटा अक्षय को गांव में पढ़ाई के बाद मौसी के यहां कैथल भेज दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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