ग्रामीण महिलाओं को डेयरी उद्योग के लिए तैयार करना जरूरी: डॉ. एसएस ढाका
- Admin Admin
- Mar 03, 2025
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लुवास में अनुसूचित जाति की महिला किसानों के लिए डेयरी प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण
कार्यक्रम शुरू
हिसार, 3 मार्च (हि.स.)। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय
(लुवास) के डेयरी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की ओर से केंद्रीय भैंस अनुसंधान
संस्थान के सहयोग से अनुसूचित जाति की महिला किसानों के उद्यमिता विकास के लिए पांच
दिवसीय ‘डेयरी प्रसंस्करण पर
प्रशिक्षण’ कार्यक्रम का आयोजन
किया जा रहा है। सोमवार से शुरू हुआ यह शिविर सात मार्च तक चलेगा और यह सहायक प्रोफेसर
डॉ. इंदु और डॉ. सुमित महाजन की देखरेख में आयोजित किया जाएगा।
उद्घाटन कार्यक्रम में लुवास के कुलसचिव डॉ. एसएस ढाका मुख्य अतिथि रहे। इसके
अलावा हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय
के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रवि गुप्ता विशिष्ट अतिथि रहे। मुख्य अतिथि डॉ.
एसएस ढाका ने इस अवसर पर कहा कि कहा कि हमारा उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को डेयरी उद्योग
में उभरते अवसरों के लिए तैयार करना है, ताकि वे अपने कौशल को बढ़ावा देकर उद्यमिता
के नए आयामों को अपना सकें। उन्होंने प्रशिक्षण के सफल संचालन की कामना करते हुए संचालनकर्ताओं
व प्रशिक्षणार्थियों को शुभकामनाएं दी।
विशिष्ट अतिथि डॉ. रवि गुप्ता ने कहा कि यह प्रशिक्षण महिलाओं को आत्मनिर्भर
और आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा, जिससे वे रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकेंगी। डेयरी
साइंस कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. शरणागौड़ा बी. ने उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि, विशिष्ट
अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों, प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला किसानों को डेयरी प्रसंस्करण तकनीकों
से परिचित कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना है। प्रशिक्षण के दौरान
विशेषज्ञों द्वारा पनीर, घी, दही और बाजरा बिस्कुट जैसे डेयरी उत्पादों के निर्माण
की तकनीक, विपणन रणनीतियाँ और आर्थिक प्रबंधन पर व्यावहारिक सत्र आयोजित किए जाएंगे।
साथ ही, प्रतिभागियों को सरकारी योजनाओं और सहायक योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी
ताकि वे इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें।
इस आयोजन में विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. मनोज रोज अन्य अधिकारीगण,
विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, गैर-शिक्षण कर्मचारी और विद्यार्थी
उपस्थित रहे। कार्यक्रम की मेज़बानी सहायक प्रोफेसर डॉ. इंदु ने की जबकि समापन समारोह
में सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमित महाजन ने सभी का धन्यवाद किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर