बजट से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा मजबूती और विकास की गति : नरेश चौहान

शिमला, 17 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज विधानसभा में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा प्रस्तुत बजट पर कहा है कि यह बजट मुख्यमंत्री की 2027 तक हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की संकल्पना को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेश में विकास की गति तेज होगी।

नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के कुशल मार्गदर्शन और गतिशील नेतृत्व में प्रदेश चहुंमुखी विकास की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा छोड़े गए कर्ज और देनदारियों के बावजूद वर्तमान सरकार ने संतुलित और विकासोन्मुखी बजट प्रस्तुत किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में सामने आएंगे।

नरेश चौहान ने बताया कि इस बजट में कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की किश्त, दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में वृद्धि और दूध में फ्रेट सब्सिडी को दोगुना करने की घोषणा की गई है, जिससे किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी। इसके अलावा, आगामी वित वर्ष में गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 45 से बढ़ाकर 51 रुपये और भैंस के दूध को 55 से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही, किसानों और पशुपालकों को दूध एकत्रीकरण केंद्र तक दूध लाने के लिए परिवहन सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें लाभ होगा।

नरेश चौहान ने कहा कि सरकार हमेशा किसानों, बागवानों, कर्मचारियों और युवाओं के हितों की रक्षा करती रही है। उन्होंने बताया कि बेरोजगार युवाओं के लिए 1000 नए बस रूटों के परमिट निजी क्षेत्र को आबंटित करने की घोषणा की गई है। इससे इन रूटों पर चलने वाली बसों और टेंपो ट्रैवलर की खरीद पर ई-व्हीकल्स के लिए 40 प्रतिशत और पेट्रोल-डीजल वाहनों की खरीद पर 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जिससे युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

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