केन्द्र सरकार भारतीय पुलिस को स्मार्ट बलों में बदलने के लिए प्रतिबद्धः गृह मंत्री

नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) भारतीय पुलिस बलों को आवश्यक बौद्धिक, भौतिक और संगठनात्मक संसाधनों से युक्त करके पुलिसिंग के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए उन्हें स्मार्ट बलों में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में बीपीआरएंडडी के कामकाज की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, बीपीआरएंडडी के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा सहित गृह मंत्रालय और बीपीआरएंडडी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

गृह मंत्री ने बीपीआरएंडडी के छह प्रभागों के साथ-साथ क्षेत्रीय कार्यालयों (सीएपीटी भोपाल और सीडीटीआई) की उपलब्धियों, चल रहे कार्यों और भविष्य की रूपरेखा का अवलोकन किया। उन्होंने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की दिशा में बीपीआरएंडडी द्वारा किए गए प्रयासों और पहलों की भी विशेष समीक्षा की।

बैठक में चर्चा के दौरान, केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनसीआरबी, जेल अधिकारियों व फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मिलकर बीपीआरएंडडी, मोडस ऑपरेंडी ब्यूरो में अपराधों की कार्य प्रणाली का विश्लेषण करे, जिससे अपराधों को रोकने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि बीपीआरएंडडी जमीनी स्तर पर पुलिसिंग में आने वाली कठिनाइयों को चिन्हित कर उनका समाधान निकालने की दिशा में शोध करें।

अमित शाह ने शोध अध्ययनों और परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थानों के साथ सहयोग सहित विभिन्न हितधारकों के योगदान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने पुलिस बलों को अधिकतम लाभ प्रदान करने के साथ-साथ पुलिस की सार्वजनिक छवि को बेहतर बनाने के लिए बीपीआरएंडडी की परियोजनाओं और अध्ययनों के साथ-साथ प्रकाशनों के दायरे के वैश्विक स्तर पर विस्तार और आउटरीच के निर्देश दिए।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने नए आपराधिक कानूनों के प्रशिक्षण और कार्यान्वयन, मौजूदा पुलिस और जेल प्रक्रियाओं एवं प्रथाओं को बेहतर बनाने के माध्यम से पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और नए युग की चुनौतियों से निपटने के लिए ब्यूरो के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ मंत्रालय को जोड़ने वाली नोडल एजेंसी के रूप में बीपीआरएंडडी की भूमिका पर जोर दिया। शाह ने आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी स्तंभों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर लक्षित सहायता के लिए ब्यूरो के काम को और अधिक सुव्यवस्थित करने के निर्देश दिए।

अमित शाह ने पुलिसिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ मॉडल की आवश्यकता के साथ-साथ आपराधिक न्याय प्रणाली के हितधारकों, राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों और मंत्रालय की समस्या की पहचान और प्रभावी समाधानों के लिए अधिक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। गृह मंत्री ने ब्यूरो को इसके सुचारू संचालन के लिए समर्थन और सहायता का आश्वासन दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

   

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