उम्मीद है कि यूटी का दर्जा अस्थायी है, केंद्र को जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए-उमर अब्दुल्ला
- Admin Admin
- Jan 02, 2025
श्रीनगर, 2 जनवरी हि.स.। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा एक अस्थायी चरण है और केंद्र सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने के अपने वादे को पूरा करेगी।
शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में मीडिया से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा कि हमें सत्ता में आए दो महीने से थोड़ा अधिक समय हो गया है। हमें यह समझने में समय लगा कि यूटी सरकार कैसे काम करती है। हम पहले भी सरकार से जुड़े रहे हैं लेकिन उस रूप और वर्तमान रूप में बहुत अंतर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार की शुरुआत सभ्य रही है और उन्हें इसमें ज्यादा कठिनाई नहीं हुई। हम अपने चुनावी वादों से बंधे हैं। हमने कुछ वादों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अन्य वादों के लिए हमें व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर का केंद्र शासित प्रदेश बनना एक अस्थायी चरण है।
उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र पांच साल के कार्यकाल के लिए था न कि पांच सप्ताह या पांच महीने के लिए। उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दे हमारे लिए महत्वपूर्ण थे और हमने उन्हें पूरा किया जिसमें राज्य का दर्जा और विशेष दर्जे का प्रस्ताव शामिल है।
हम लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि हमारे साथ किए गए वादे पूरे होंगे। सबसे बड़ा वादा राज्य का दर्जा बहाल करना है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा था कि राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए। एक साल बीत चुका है और हमें लगता है कि एक साल काफी होना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए और उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि उनकी सरकार अदालतों का दरवाजा खटखटाने के बजाय जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव के साथ नई दिल्ली क्यों गई अब्दुल्ला ने कहा कि इस मामले पर कानूनी लड़ाई अंतिम विकल्प होनी चाहिए। बस अदालत जाना एक लड़ाई होगी।
अगर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य का दर्जा बहाल करने के बारे में बात नहीं की होती अगर प्रधानमंत्री और (केंद्रीय) गृह मंत्री ने इस बारे में बात नहीं की होती तो हम अदालतों में जा सकते थे। उन्होंने वादे किए हैं और हमें पहले उन्हें मौका देना चाहिए उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री राज्य के मुख्यमंत्री जितना सशक्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि मैं अब एनडीए में शामिल हो जाऊंगा और मैंने अपनी विचारधारा बदल ली है, मैं उनकी मदद नहीं कर सकता। मैं यहां काम करने आया हूं और काम करूंगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता