हिमाचल विधानसभ में काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा में गरमाया सदन, पक्ष-विपक्ष में नोक-झोंक
- Admin Admin
- Dec 18, 2024
शिमला, 18 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का हंगामेदार आगाज हुआ। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार के दो साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचार और घोटालों का आरोप लगाते हुए नियम-67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने पर सहमति जताई। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भाजपा सदस्यों रणधीर शर्मा, बलबीर सिंह वर्मा और सुरेंद्र शौरी की ओर से पिछले दो साल में घोटालों व भ्र्ष्टाचार से सम्बंधित विषय पर स्थनग प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन प्रस्ताव में भ्रष्टाचार को लेकर कोई रिकार्ड नहीं दर्शाया गया है। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मंजूर किया गया और सदन की सभी विधायी कार्यों को रोककर इस पर चर्चा शुरू कर दी गई।
विपक्षी भाजपा ने पहले दिन बुधवार को प्रदेश की कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव के माध्यम से घेरा। इस दौरान सदन में कई मौकों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने एक-दूसरे के खिलाफ भारी शोरगुल किया और विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को कई बार हस्तक्षेप करने करने के बाद एक मौके पर 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित भी करनी पड़ी।
भाजपा के रणधीर शर्मा ने सदन की बैठक के शुरू होते ही नियम 67 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव का मुद्दा उठाया, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया और सदन में आज के लिए निर्धारित तमाम कार्यों को लंबित करते हुए इस प्रस्ताव पर चर्चा आरंभ कर दी। काम रोको प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान विपक्षी दल भाजपा ने हाल ही में राज्यपाल को कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने के मौके पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सौंपे गए आरोप पत्र में उठाए गए मुद्दों पर सरकार को घेरने का प्रयास किया। इस दौरान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों व विधायकों ने सरकार का बचाव भी किया।
भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने चर्चा शुरू करते हुए प्रदेश सरकार पर भाजपा फोबिया से ग्रस्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दो साल के मौके पर बिलासपुर में आयोजित जश्न में अपनी उपलब्धियां कम गिनाई और भाजपा को अधिक कोसा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सरकार के दो साल में हुए भ्रष्टाचार के कारनामों को लेकर राज्यपाल को आरोप पत्र सौंपा है, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक एक भी आरोप का जवाब नहीं दिया गया है।
रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद सबसे पहला घोटाला नई आबकारी नीति बनाकर किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने नई आबकारी नीति के नाम पर छह जिलों में छोटी यूनिटों को हटाकर एक-एक बड़ी यूनिट बना दी ताकि अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा दिया जा सके। उन्होंने किन्नौर जिले में शोंगटोंग परियोजना के निर्माण में लगी एक कंपनी को 162 करोड़ रुपए का अवांछित लाभ देने और 150 करोड़ रुपए का काम 288 करोड़ रुपए में आवंटित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर हिमाचल को बेचने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने जानबूझकर एचपीटीडीसी के 18 होटलों को बंद करने की साजिश रची। उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट का सहारा लेकर इन होटलों को बेचना चाहती है। उन्होंने प्रदेश में आई आपदा के नाम पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।
भाजपा विधायक बलबीर वर्मा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए आरोप पत्र में उठाए गए कई मामलों का जिक्र किया और इनकी जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने बहुत सारे ऐसे कार्य किए हैं, जिसमें कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ है और हिमाचल की छवि खराब हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस सड़क पर एक लाख रुपए खर्च होना था, उस पर 10 लाख रुपए खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल व सिंचाई योजनाओं के लिए आई पाइपें कहां गई, उसकी भी जांच होनी चाहिए।
भाजपा के ही सुरेंद्र शौरी ने आरोप लगाया कि कुल्लू जिले में लोकनिर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण के नाम पर घोटाला हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिले की लगभग अधिकांश पंचायतों में इंटरलॉकिंग टाइल्स पेवेज लगाने को लेकर भी घोटाला हुआ।
कांग्रेस सदस्य संजय अवस्थी ने पूर्व भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा सदस्य तथ्य रखने में नाकाम रही। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार एक्साइज पालिसी के नाम पर सिर्फ ठेकेदारों के शराब लाइसेंस का नवीकरण करती रही, जबकि मौजूदा सरकार ने इस पॉलिसी को बदला, जिससे प्रदेश सरकार को 600 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिला। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में बद्दी में औद्योगिक प्लाट कौड़ियों के भाव बेचे गए।
भाजपा के सत्तपाल सिंह सत्ती ने कहा कि लोकतंत्र सबूतों से नहीं लोकलाज से चलता है। उन्होंने मुख्यमंत्री को चेताया कि उनकी मित्र मंडली ही उनकी सबसे बड़ी दुश्मन है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहली बार प्रदेश सचिवालय तक भ्रष्टाचार पहुंचा है और आईएएस अधिकारियों पर पैसे लेने के आरोप लग रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे किसी भी भ्रष्टाचारी को न बख्शें। सत्ती ने ऊना जिले में अवैध खनन, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक में ओटीएस के नाम चहेतों को फायदा देने और धर्मशाला में दवाइयों की दुकानों के लाइसेंस का नवीनीकरण करने के नाम पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाया।
कांग्रेस के आशीष बुटेल ने आरोप लगाया कि विपक्ष स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार होकर ही नहीं आया था, क्योंकि मौजूदा कांग्रेस सरकार में कोई भ्रष्टाचार ही नहीं हुआ है। उन्होंने विपक्ष को मुद्दाविहीन और दिशाहीन भी बताया और कहा कि भाजपा ने इसी साल बजट सत्र के दौरान सरकार को गिराने के नाम पर भ्रष्टाचार फैलाया था। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्ज लेकर सबसे अधिक भ्रष्टाचार किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा