हिमाचल में शर्तें नहीं मानने वाली पनबिजली परियोजनाएं वापस लेगी सरकार : सुक्खू
- Admin Admin
- Mar 25, 2025

शिमला, 25 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य में संचालित पनबिजली परियोजनाओं पर कड़ा रुख अपनाने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि यदि पनबिजली कंपनियां सरकार की तय शर्तों को नहीं मानेंगी, तो उनके प्रोजेक्ट रद्द कर दिए जाएंगे। यही नहीं, इन कंपनियों के पास मौजूद अतिरिक्त जमीन को भी सरकार वापस लेगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक नीरज नैय्यर और डॉ. हंसराज के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकारों ने एनएचपीसी को महज 12 फीसदी रॉयल्टी की शर्त पर पनबिजली परियोजनाएं दे दी थीं, जो राज्य के हित में नहीं था। मौजूदा सरकार ने एनएचपीसी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर को स्पष्ट कर दिया है कि अब नई व्यवस्था लागू होगी।
उन्होंने कहा कि एनएचपीसी को 12, 18 और 30 फीसदी रॉयल्टी के साथ 40 वर्षों के बाद परियोजनाएं प्रदेश सरकार को लौटानी होंगी। यदि कंपनी इन शर्तों को नहीं मानती, तो उसे आवंटित सभी प्रोजेक्ट वापस ले लिए जाएंगे।
बेरा स्यूल प्रोजेक्ट पर उठे सवाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएचपीसी का बेरा स्यूल प्रोजेक्ट 40 साल पुराना हो चुका है और नियमानुसार इसे अब राज्य सरकार को सौंप दिया जाना चाहिए। लेकिन पूर्व सरकारों के एमओयू इस तरह से नहीं बनाए गए थे, जिससे यह संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए लड़ाई लड़ेगी और इन परियोजनाओं को पुनः अपने अधीन लेगी।
उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि एनएचपीसी राज्य सरकार से डूगर परियोजना की मांग कर रहा है, लेकिन यह प्रोजेक्ट तभी दिया जाएगा जब कंपनी सरकार की नई शर्तों को स्वीकार करेगी।
सरप्लस जमीन भी होगी वापस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पूर्व में स्थापित पनबिजली परियोजनाओं के पास हजारों बीघा अतिरिक्त जमीन है। सरकार ने इसे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एनएचपीसी और बीबीएमबी जैसी कंपनियों के पास यह जमीन है, और अब सरकार इसे दोबारा हासिल करेगी।
इससे पहले विधायक नीरज नैय्यर ने आरोप लगाया कि एनएचपीसी ने परियोजना प्रभावितों से किए गए रोजगार देने के वादे पूरे नहीं किए हैं। सरकार को इस मामले में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं विधायक डॉ. हंसराज ने कहा कि खासतौर पर चंबा जिले में एनएचपीसी की मनमानी चल रही है। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या यह अतिरिक्त भूमि प्रभावित लोगों को लौटाई जाएगी?
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा