गुवाहाटी, 30 नवंबर (हि.स.)। वातानुकूलित (एसी) स्लीपर क्लास में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को साफ, स्वच्छ, अच्छी तरह से इस्त्री किए गए उच्च गुणवत्ता वाले लिनेन/बेडरोल उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रेल हर संभव प्रयास करता है। इसके लिए नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है। ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों को उपलब्ध कराए गए लिनेन को हर बार उपयोग के बाद मशीनीकृत लॉन्ड्री एवं वाशिंग संसाधनों में धोया जाता है। ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों को दिए जाने वाले कंबल आम तौर पर महीने में कम से कम एक बार धोए जाते हैं और आवश्यकतानुसार इसे 15 दिन या उससे भी कम कर दिया जाता है।
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) के सीपीआरओ कपिंजल किशोऱ शर्मा ने बताया कि प्रत्येक एसी यात्री को बेडरोल किट में एक अतिरिक्त चादर भी प्रदान की जाती है - एक बर्थ पर बिछाने के लिए और दूसरा कंबल कवर के लिए। रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसेलेशन (आरएसी) यात्रियों को भी कोच में यात्रा करने वाले अन्य बोनाफाइड यात्रियों के समान पूर्ण लिनेन सेट प्रदान किया जाता है। एसी कोच का तापमान लगभग 24 डिग्री सेंटीग्रेड रखा जाता है ताकि कंबल की आवश्यकता न पड़े और चादर पर्याप्त से अधिक हो।
पूसीरे ने यात्रियों को स्वच्छ लिनेन/बेडरोल उपलब्ध कराने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। पूसीरे के महत्वपूर्ण स्थानों पर कई अत्याधुनिक लॉन्ड्री केयर सेंटर चल रहे हैं। गुवाहाटी में एक और नया लॉन्ड्री केयर सेंटर स्थापित किया गया है, जिसकी उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 16,000 बेडरोल पैकेट है। यह गुवाहाटी आधारित ट्रेनों की बढ़ती लिनेन आवश्यकताओं को पूरा करता है। गुवाहाटी में अत्याधुनिक लॉन्ड्री एक टनल आधारित प्रणाली है, जिसमें पानी, बिजली, भाप और रसायनों के उपयोग को अनुकूलित करते हुए बड़ी मात्रा में लिनेन को संभालने की क्षमता और बाद के चरणों में स्वचालित स्थानांतरण जैसी कई विशेषताएं हैं।
भारतीय रेल ने बेडरोल की पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग सहित भंडारण, परिवहन, लोडिंग और अनलोडिंग के लिए उन्नत लॉजिस्टिक्स पर भी जोर दिया है। वर्तमान निर्देशों के अनुसार, भारतीय रेल में प्रयुक्त कंबल हल्के होते हैं, धोने में आसान होते हैं और यात्रियों को पूर्ण आरामदायक यात्रा अनुभव के लिए अच्छा इन्सुलेशन प्रदान करते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि ट्रेन यात्रा के दौरान यात्रियों को किसी भी परिस्थिति में प्रयुक्त और बिना धुलाई के लिनेन प्रदान नहीं किया जाता।
हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय