प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी व मितानिनों ने सीखा कान रोग की पहचान कैसे करें
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- Feb 07, 2025

धमतरी, 7 फ़रवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय बधिरता बचाव एवं रोकथाम कार्यक्रम के तहत कान की बीमारियों से आम लोगों को बचाने के लिए छठवें लेवल का प्रशिक्षण कार्यक्रम सात फरवरी को सिविल अस्पताल कुरूद में आयोजित किया गया। जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं मितानिनों को कान की बीमारियों के शीघ्र पहचान और उपचार को लेकर प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डा यूएल कौशिक के निर्देश पर जिला नोडल अधिकारी ईएनटी डा एमए नसीम के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय बधिरता बचाव एवं रोकथाम कार्यक्रम के अंतर्गत छठवें एवं सातवें लेवल का प्रशिक्षण कार्यक्रम कुरूद और मगरलोड ब्लाक में पांच फरवरी से दिया जा रहा है। यहां 17 बैच बनाकर सिविल अस्पताल कुरूद और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मगरलोड में हर बैच को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस छठवें लेवल के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मितानिनों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कान की बीमारियों के शीघ्र पहचान और शीघ्र उपचार के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान किया जा रहा है। शुक्रवार को सिविल अस्पताल कुरूद में मास्टर ट्रेनर डा नरेश कुमार कामड़े, आडियोलाजिस्ट नारायण साहू, आडियोमेट्रिक मेट्रिक असिस्टेंट टिकेश शर्मा और स्पीच इंस्ट्रक्टर खेमराज साहू ने कान की बीमारियों के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान किया। जिसमें एनपीपीसीडी कार्यक्रम के क्रियान्वयन, जिले में उपलब्ध सुविधाओं, लक्ष्य, मानव संसाधन प्रशिक्षण की उपयोगिता दिया जाएगा। वहीं कान एवं सुनाई क्षमता के संबंध में जानकारी, कान से संबंधित रोगों की शीघ्र पहचान, बचाव, जांच एवं उपचार, नवजात शिशुओं की सुनाई जांच किया जाएगा। श्रवण बाधित दिव्यांगता, श्रवण यंत्र तथा कोक्लियर इंप्लांट (कान प्रत्यारोपण), वाणी रोग तथा स्पीच थैरेपी किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में कर्ण रोगियों की संस्थावार मासिक रिपोर्टिंग आदि के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया जा रहा है।
जिले में 2960 कान रोग के मरीज पंजीकृत
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार मार्च 2024 से जनवरी 2025 तक कान रोग के जिले में 2960 मरीज पंजीकृत किया गया है। जिसमें जिला अस्पताल धमतरी के 2380 और ब्लाक स्तर के 580 मरीज पंजीकृत किया गया है। वहीं इसी सत्र में 166 मरीजों को स्पीच थेरेपी दिया गया है। इसके साथ ही 85 मरीजों को निश्शुल्क श्रवण यंत्र प्रदान कर चुके हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा