भारत के आम बजट में पड़ोसी देशों सहित विकासशील देशों के लिए 5483 करोड़ रुपये अनुदान की घोषणा

काठमांडू, 01 फरवरी (हि.स.)। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2025-26 के लिए जो देश का आम बजट पेश किया है, उसमें पड़ोसी देशों, अफ्रीकी देशों, लैटिन अमेरिकी सहित कई विकासशील देशों के लिए 5483 करोड़ रुपये अनुदान रकम की घोषणा की है।

शनिवार को संसद में प्रस्तुत बजट में भारत सरकार की तरफ से प्रस्तावित अनुदान रकम में सबसे अधिक भूटान को सहयोग की घोषणा की गई है। जबकि नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के बजट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट में पड़ोसी देशों के लिए जो अनुदान रकम की घोषणा की गई है उसका ब्यौरा विदेश मंत्रालय ने जारी किया है। इसके मुताबिक भूटान को 2150 करोड़ रुपये के आर्थिक अनुदान की घोषणा की गई है। इसी तरह नेपाल को आगामी आर्थिक वर्ष में 700 करोड़ रुपये, बांग्लादेश को 120 करोड़ रुपये, अफगानिस्तान को 100 करोड़ रुपये, श्रीलंका को 300 करोड़ रुपये, मालदीव्स को 600 करोड़ रुपये और म्यांमार को 350 करोड़ रुपये आर्थिक अनुदान देने का प्रस्ताव रखा गया है। भारत की तरफ से विदेशों को दी जाने वाली रकम सबसे अधिक है।

पड़ोसी देशों के अलावा भारत सरकार ने मंगोलिया, यूरेशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रीकी देशों के लिए भी अपने बजट में अनुदान रकम की घोषणा की है। विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए ब्यौरे के मुताबिक अफ्रीकी देशों के लिए भारत सरकार ने अपने बजट में 225 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की है। इसी तरह मंगोलिया के लिए 5 करोड़, यूरेशियाई देशों के लिए 40 करोड़, लैटिन अमेरिकी देशों के लिए 60 करोड़, अन्य विकासशील देशों के लिए 150 करोड़, मॉरीशस के लिए 500 करोड़ और सेशेल्स के लिए 19 करोड़ रुपये के आर्थिक अनुदान की घोषणा की गई है।

भारत सरकार ने विदेशों में भारत की कला और संस्कृति के प्रवर्धन के लिए 20 करोड़ रुपये और प्रशिक्षण तथा अन्य प्रकार के कार्यक्रम के लिए 1247 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव अपने आम बजट में किया है। विदेश मंत्रालय द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सभी देशों को दिए जाने वाली रकम कुल 5483 करोड़ रुपये है।

इसी तरह विभिन्न देशों में रहे भारतीय दूतावास के माध्यम से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, अन्य आयोजन और सांस्कृतिक आयोजन के लिए बजट को जोड़ दिया जाए तो यह रकम 6750 करोड़ रुपये होती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

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