पूर्वी चंपारण,26 नवंबर(हि.स.)।महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग तथा गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को संविधान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमिताभ सिन्हा ने कहा कि संविधान का बिहार से गहरा नाता है। बिहार के डॉ. सचिदानंद सिन्हा ने संविधान सभा की स्थापना की और डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसके अध्यक्ष बने।
उन्होंने संतुलन के सिद्धांत पर जोर देते हुए कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन आवश्यक है। उन्होंने न्यायिक सक्रियता की आलोचना करते हुए नागरिकों को सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश दिया।वही विशिष्ट अतिथि प्रो. रवि रंजन, राजनीति विज्ञान विभाग, जाकिर हुसैन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय ने संविधान को जीवंत दस्तावेज बताते हुए कहा कि यह न केवल गरीबों को सशक्त करता है बल्कि शक्ति के दुरुपयोग पर भी रोक लगाता है।
उन्होंने संविधान द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रता, समानता और बंधुता के महत्व पर जोर दिया।जबकि दुसरे विशिष्ट अतिथि, प्रो. धनंजय कुमार वर्मा, राजनीति विज्ञान विभाग, शासकीय एमएलबी गर्ल्स पीजी कॉलेज, भोपाल ने संविधान को उधार की थैली कहे जाने को खारिज करते हुए कहा कि हमारी परंपरा और श्रोतों ने इसे समृद्ध बनाया है। उन्होंने नागरिकों से संविधान के प्रति जागरूक और सतर्क रहने की अपील की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने संविधान को भारत के विचार और आदर्शों का प्रतीक बताते हुए इसे राष्ट्र के लिए पवित्र दस्तावेज कहा। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस न केवल संविधान को समझने का अवसर है, बल्कि इसके प्रति राष्ट्रीय कर्तव्य का सम्मान करने का भी दिन है।कार्यक्रम की थीम हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान का परिचय प्रो. सुनील महावर, संकयाध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान संकाय ने कराया। उन्होंने संविधान निर्माण के इतिहास, गांधी जी की भूमिका और डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में गठित प्रारूप समिति के योगदान पर चर्चा की। उन्होंने संविधान को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बताया।अतिथियो का स्वागत राजनीति विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.सरिता तिवारी ने की,वही धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जुगल किशोर दाधीच, अध्यक्ष, गांधीवादी एवं शांति अध्ययन विभाग ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार