एफआईएच प्रो लीग 2024-25 से पहले भारतीय ड्रैगफ्लिकर्स ने महान टेके टेकेमा से सीखी बारीकियां

नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। एफआईएच प्रो लीग 2024-25 के घरेलू चरण से पहले भारतीय महिला हॉकी टीम ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलने की अपनी क्षमताओं को निखारने के लिए विशेष ड्रैगफ्लिकिंग शिविर में हिस्सा लिया। यह शिविर 10 से 16 फरवरी 2025 तक भुवनेश्वर में आयोजित किया गया था। हाल ही में संपन्न हुए इस घरेलू चरण में भारत ने इंग्लैंड, जर्मनी, नीदरलैंड और स्पेन जैसी शीर्ष टीमों के खिलाफ मुकाबले खेले थे।

इस विशेष शिविर का नेतृत्व डच ड्रैगफ्लिक लीजेंड टेके टेकेमा ने किया, जो अपने खेल के दिनों में पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध थे। टेकेमा ने 11 वर्षों के करियर में नीदरलैंड पुरुष हॉकी टीम के लिए 94 मैचों में 170 गोल किए थे और उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक पेनाल्टी कॉर्नर विशेषज्ञों में से एक माना जाता है। उनके करियर में 2002 और 2006 चैंपियंस ट्रॉफी, 2006 वर्ल्ड कप, 2008 ओलंपिक गेम्स और 2010 एफआईएच वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट्स में सर्वाधिक गोल करने का गौरव हासिल है। वे 2022 से 2024 तक चीन महिला हॉकी टीम के सहायक कोच भी रह चुके हैं।

शिविर से खिलाड़ियों को मिला फायदा-

इस शिविर में भारत की प्रमुख ड्रैगफ्लिकर दीपिका, मनीषा चौहान, सोनम और अन्नू के साथ कुछ जूनियर खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान खिलाड़ियों ने ड्रैगफ्लिक की तकनीकी बारीकियों को सीखा और सटीकता में सुधार किया।

एफआईएच प्रो लीग 2024-25 के घरेलू चरण में तीन में से दो गोल पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए करने वाली दीपिका ने शिविर के सकारात्मक प्रभाव को लेकर कहा, “हालांकि यह शिविर सिर्फ एक हफ्ते का था, लेकिन इससे मुझे एफआईएच प्रो लीग के घरेलू चरण में काफी मदद मिली। मैंने अपने फुटवर्क, शॉट रिलीज और फिनिशिंग पर फोकस किया, जिससे मुझे अपनी तकनीक में जरूरी बदलावों को समझने में आसानी हुई।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने बॉडी पोजिशनिंग और विभिन्न शॉट्स के अनुसार स्टेपिंग पर विशेष ध्यान दिया। इसका प्रभाव मेरे खेल पर साफ दिखाई दिया। टेकेमा ने हमें बेहतरीन मार्गदर्शन दिया और हमने उनकी मेंटरशिप में सुधार महसूस किया। उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किए, जिससे हमें मानसिक मजबूती मिली।”

मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने की टेकेमा की सराहना-

भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने टेके टेकेमा को टीम के साथ जोड़ने पर खुशी जताई और कहा, टेके ड्रैगफ्लिकिंग के महान खिलाड़ियों में से एक हैं और मैंने हॉकी इंडिया से अनुरोध किया था कि वे उन्हें टीम के साथ जोड़ें। उन्होंने खिलाड़ियों की तकनीक सुधारने और ड्रैगफ्लिकिंग प्रक्रिया को सहज बनाने पर काम किया है। यह एक अत्यधिक विशेषज्ञता वाली कला है, इसलिए टेके आगे भी हमारे साथ काम करते रहेंगे।”

हरेंद्र सिंह ने दीपिका के प्रदर्शन में आए सुधार पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “हाल ही में हुए प्रो लीग मैचों में दीपिका ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन पेनल्टी कॉर्नर को सफलतापूर्वक गोल में बदलने के लिए तीन महत्वपूर्ण कारक होते हैं–इंजेक्टर, स्टॉपर और ड्रैगफ्लिकर। कुछ मैचों में इंजेक्शन और स्टॉपिंग में चुनौतियों के कारण हमारा कन्वर्जन रेट प्रभावित हुआ, लेकिन दीपिका की रणनीतिक समझ लगातार बेहतर हो रही है।”

2028 ओलंपिक्स तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम-

आगे की योजना पर चर्चा करते हुए सिंह ने कहा, हम दीपिका और मनीषा को विश्वस्तरीय ड्रैगफ्लिकर्स के रूप में विकसित करना चाहते हैं। टेके टेकेमा 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक्स तक हमारे साथ जुड़े रहेंगे और समय-समय पर सीनियर और जूनियर टीमों को मार्गदर्शन देते रहेंगे। आधुनिक हॉकी में ड्रैगफ्लिकिंग और गोलकीपिंग बेहद अहम हैं, इसलिए हम अपने खिलाड़ियों को वैश्विक स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रहे हैं।”

यह विशेष प्रशिक्षण शिविर भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और भविष्य में टीम की पेल्टी कॉर्नर सफलता दर को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे

   

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