उद्योगों को मिले दोहरे टैक्स से मुक्ति

मुंबई, 4 मार्च (हि.स.)। उद्योंगो को दोहरे टैक्स का दंश झेलना पड़ रहा है। इस दोहरे टैक्स से मुक्ति दिलाने की मांग महाराष्ट्र चेंबर ऑफ कॉमर्स ने राज्य सरकार से की है। आगामी बजट में टैक्स को समाप्त करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और एकनाथ शिंदे कों ज्ञापन सौंपा गया है।

संगठन के अध्यक्ष ललीत गांधी के अनुसार राज्य सरकार महाराष्ट्र के औद्योगिक विकास के लिए विभिन्न नीतियां बना रही है। इसका हम स्वागत करते हैं। इससे बड़ी मात्रा में नया निवेश आ रहा है। लेकिन उद्योगों को दोहरे टैक्स का दंश झेलना पड़ रहा है। ग्रामीण औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों पर ग्राम पंचायतों और एमआईडीसी द्वारा कर लगाया जाता है। जबकि शहरी क्षेत्रों में उद्योगों पर नगर पालिकाओं, नगर निगमों और एमआईडीसी का टैक्स लगाया जाता है. यह कर संग्रह अन्यायपूर्ण है और इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। पुराने मार्केट कमेटी एक्ट को निरस्त किया जाना चाहिए। मार्केट कमेटी में किसानों से सीधे आने वाले कृषि माल के अलावा अन्य सभी प्रकार के माल पर सेस समाप्त करना आवश्यक है।

ललित गांधी ने बताया कि अस्थायी अवधि के लिए लगाया गया यह व्यवसाय कर वर्षों से प्रभावी है। व्यापारियों, उद्यमियों और व्यवसायियों को अनुचित कठिनाई सहन करनी पड़ रही है। इस वर्ष इस कर को समाप्त करने की जोरदार मांग की जा रही है। साथ ही सौर ऊर्जा के उपयोग पर लगी सीमाएं भी हटाई जानी चाहिए। सरकार के इस निर्णय में संशोधन किया जाना चाहिए कि निजी भूमि पर उद्योग शुरू करने के लिए गैर-कृषि भूमि की आवश्यकता नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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