धान फसल में कीट प्रकोप, दवा छिड़काव से राहत की उम्मीद

धमतरी, 26 सितंबर (हि.स.)। इन दिनों धान की फसल में माहो का प्रकोप होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। दवा का छिड़काव करने के बाद भी रोकथाम नहीं हो पा रही है। समय पर वर्षा होने से धान की फसल अच्छी है। धान की बालियां निकल आई है। ऐसे समय में अचानक माहो का प्रकोप बढ़ जाने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। फसलों को माहो चटकर रहे हैं , दवा छिड़काव के बाद भी किसानों को राहत नहीं मिल रही है।

जानकारी के अनुसार डाही, हंकारा, कसही, अंगारा बोड़रा, बिजनापुरी के खेतों में माहो का प्रकोप होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। डाही के किसान डामन सिन्हा , मोहन साहू , थानू साहू ने बताया कि कुछ दिन पहले फसल अच्छी थी। अच्छे उत्पादन होने की उम्मीद थी। जिस पर माहों ने अब पानी फेर दिया है। किसान कोमल ठाकुर , मनोहर पटेल , तुका सिन्हा सहित अन्य किसानों ने बताया कि धान की फसल शुरू में अच्छा था , लेकिन माहों के कारण फसल के विकास पर फर्क पड़ा है। उत्पादन भी घटना की आशंका है। मालूम हो कि पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से अंचल के नदी-नाले उफान पर रहे। सड़कों के ऊपर पानी बहा। जगह-जगह बाढ़ की स्थिति बनी। इस बीच डूब क्षेत्रों और निचली जगहों पर खेती-किसानी करने वाले किसानों के खेतों में पानी भरा था। धान फसल दो-तीन दिनों से पानी में डूबने से फसल का विकास प्रभावित हुआ है। क्षेत्र के ग्राम लोहरसी, मुजगहन, देमार, पीपरछेड़ी, अछोटा, कोलियारी, पोटियाडीह समेत कई गांवों के किसानों की धान फसल पानी में डूबी हुई थी। लंबे समय से पानी में डूबने से कई स्थानों की धान फसल गल भी गई। अत्यधिक नमी के कारण कीट व्याधियां बढ़ गई है।

कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही करें दवा का छिड़काव

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संध्या सोरी ने कहा कि कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेकर ही दवा का छिड़काव करें। फिलहाल किसान धान की फसल में माहो का प्रकोप होने से इमिडा दवाई डाल सकते हैं।

लक्ष्य से अधिक रकबा में धान फसल

कृषि विभाग द्वारा जिले में एक लाख 38 हजार 640 हेक्टेयर रकबा में धान का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, इसके विपरीत किसान सौ हेक्टेयर अधिक रकबा कुल एक लाख 38 हजार 740 हेक्टेयर रकबा में यह फसल ले चुके है

दलहन-तिलहन का रकबा बढ़ा

बताया जा रहा है कि धान फसल के साथ ही दलहन तिलहन फसल की बोनी को लेकर भी किसानों ने दिलचस्पी दिखाई है जिसके कारण इनके रकबा में भी बढ़ोत्तरी हुई है। दलहन के लिये एक हजार 150 हेक्टेयर रकबा का लक्ष्य रखा गया था, इसके विपरीत एक हजार 784 हेक्टेयर रकबा में दलहन की बोनी किसान कर चुके है। इसी तरह तिलहन के लिए निर्धारित 100 हेक्टेयर रकबा के विपरीत 138 हेक्टेयर रकबा में तिलहन फसल किसानों ने ली है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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