‘‘वैश्विक बुद्ध एवं जातक कथायें‘‘ विषयक अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का हुआ आयाेजन

अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी  एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम सम्पन्न*अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी  एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम सम्पन्न*अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी  एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम सम्पन्न*अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी  एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम सम्पन्न*अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी  एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम सम्पन्न*अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी  एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम सम्पन्न*

गोरखपुर, 8 मई (हि.स.)। राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा आज ‘‘वैश्विक बुद्ध एवं जातक कथायें‘‘ विषयक अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी एवं प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपरोक्त प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ0 धर्मेन्द्र सिंह,सदस्य, विधान परिषद, उ0प्र0 द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। उक्त अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर गोपाल प्रसाद, चीफ प्राक्टर, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर सहित प्रो0 शिव शरण दास, पूर्व छात्र अधिष्ठाता (से0नि0) गोरखपुर विश्व विद्यालय, गोरखपुर, अजय श्रीवास्तव एवं प्रो0 भारत भूषण एवं कार्यक्रम के सह संयोजक सुरेश कुमार सौरभ, वाराणसी आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

उक्त अवसर पर भारत के विभिन्न राज्यों सहित पड़ोसी देश नेपाल के कलाकारों द्वारा भी चित्रों सहित उक्त प्रदर्शनी में प्रतिभागिता की गयी। कार्यक्रम का परिचय संग्रहालय के उप निदेशक, डॉ0 यशवन्त सिंह राठौर द्वारा सभी अतिथियों को स्वागत करते हुए मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। तत्पश्चात संग्रहालय द्वारा आयोजित उक्त ‘‘वैश्विक बुद्ध एवं जातक कथायें‘‘ विषयक अन्तरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के सम्बन्ध में विस्तार से परिचय प्रस्तुत किया गया।

मुख्य अतिथि डॉ0 धर्मेन्द्र सिंह द्वारा प्रदर्शनी का विधिवत अवलोकन किया गया। तदोपरान्त उन्होंने देश-विदेश से आये समस्त प्रतिभागी कलाकारों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। डॉ0 धर्मेन्द सिंह ने कहा कि समस्त कलाकारों द्वारा वैश्विक बुद्ध एवं जातक कथाओं पर सम्मिलित सभी चित्र अत्यन्त उच्चकोटि के एवं अद्भूत है। कलाकारों द्वारा भगवान बुद्ध एवं जातक कथाओं पर सृजित चित्र की विषय की सार्थकता को बखूबी बयां कर रहे हैं। इनकी जितनी भी प्रसंशा की जाय वह कम है। जातक कथाओं पर आधारित विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध में इतनी सकारात्मकता थी कि उनके सामने कोई भी बाधा आती थी वह उनके प्रभाव से समाप्त हो जाती थी। वही सकारात्मकता इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित देश-विदेश के कलाकारों की चित्रों/कलाकृतियों के माध्यम से उजागर हो रही है। संग्रहालय वर्तमान उप निदेशक डॉ0 यशवन्त सिंह राठौर द्वारा भारतीय कला, संस्कृति को निरन्तर आगे बढ़ाने तथा युवाओं एवं कलाकारों को विभिन्न शैक्षिक, सांस्कृतिक आयोजनों, कार्यशालाओं तथा सेमीनार आयोजित करके उनकी प्रतिभा को निखारने एवं प्रोत्साहित करना हम सभी के लिए अत्यन्त गर्व एवं गौरव की बात है।

उक्त अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो0 गोपाल प्रसाद ने कहा कि हमे बहुत खुशी हो रही है कि इतने महान कलाकारों के बीच आकर इन अद्भूत चित्रों को देखने का अवसर प्राप्त हुआ, इसके लिए हम सभी कलाकारों के शुक्रगुजार हैं। भगवान बुद्ध ने जातक कथाओं के माध्यम से जो बातें कही, वह हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की गहरे स्तर तक समाया हुआ है। भगवान बुद्ध लाइट आफ एशिया कहे जाते हैं और हर समस्याओं का समाधान भगवान बुद्ध के शरण में जाने से संभव हो जाता है। बुद्ध की जो जातक कथायें है, उनका भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को विश्व पटल पर स्थापित करने में बड़ा योगदान है। इनके जातक कथाओं में प्रेम, दया, करूणा, मैत्री, नैतिकता एवं विनयशीलता प्रमुख आधार स्तम्भ है। इस प्रकार के आयोजन बहुत ही प्रसंशनीय है।

प्रो0 शिव शरण दास ने संगहालय के उप निदेशक डॉ0 यशवन्त सिंह राठौर एवं उनकी टीम को इस तरह के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। उक्त अवसर पर सुनील कुमार मौर्या, वीरेन्द्र वर्मा, सरोज रानी, सोमा आनन्द, अंकित वर्मा, संध्या यादव, शुचिता सिंह, मोनू विश्वकर्मा, अराधना वर्मा, आशा सिंह, सुमित ठाकुर, बृजेश यादव, विनोद सिंह, अर्चना पाण्डेय, आजाद कपूर, दिलेनूर फातिमा आदि गणमान्य जन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय

   

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