जेएनयू में सेमिनार: सामाजिक परिवर्तन के लिए डॉक्यूमेंट्री निर्माण पर चर्चा

नई दिल्ली, 11 फ़रवरी (हि.स.)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने 'उद्देश्यपूर्ण मीडिया: सामाजिक परिवर्तन के लिए डॉक्यूमेंट्री निर्माण' विषय पर सेमिनार का आयोजन किया। इसमें 25 बार के एमी अवार्ड विजेता फिल्म निर्माता क्रिस शुएलर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता क्रिस शुएलर ने सत्र का संचालन किया और अपनी यात्रा की महत्वपूर्ण झलकियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि भारत ने उनके करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहानी कहने की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि तथ्य लोगों की सोच नहीं बदलते बल्कि उदाहरण बदलते हैं। इसके अलावा, उन्होंने छात्रों को फिल्म निर्माण की तीन प्रमुख प्रक्रियाओं प्री-प्रोडक्शन, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन का मौलिक प्रशिक्षण भी दिया।

इस सत्र की अध्यक्षता पद्मश्री काशीनाथ पंडिता ने की। उन्होंने सामाजिक जागरुकता और सामाजिक परिवर्तन में सोशल मीडिया की शक्ति को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल मीडिया एक प्रभावशाली परिवर्तनकारी माध्यम हो सकता है, यदि इसे सही तरीके से उपयोग किया जाए।

सीएमएस की अध्यक्ष और कार्यक्रम की संयोजक डॉ. शुचि यादव ने अपने उद्घाटन भाषण में युवाओं में घटती ध्यान क्षमता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रभावशाली कहानी कहने के माध्यम से युवाओं को महत्वपूर्ण संवादों में शामिल करने के लिए नई रणनीतियों की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर और कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. अर्चना कुमारी के अलावा असिस्टेंट प्रोफेसर (सीएमएस) डॉ. कृष्णमूर्ति और असिस्टेंट प्रोफेसर (सीएमएस) डॉ. राजलक्ष्मी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

   

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