मुआवजा वितरण मामले में भ्रष्टाचार , जगदलपुर नगर निगम आयुक्त निर्भय साहू निलंबित

जगदलपुर, 4 मार्च (हि.स.)। मुआवजा राशि बांटने में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार पर छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निर्भय कुमार साहू को सस्पेंड किया है। निर्भय कुमार साहू अभी जगदलपुर में नगर निगम आयुक्त के पद पर पदस्थ थे। अभनपुर भारतमाला परियोजना के मुआवजा वितरण मामले में गड़बड़ी को लेकर ये कार्रवाई की गयी है।यह आदेश साेमवार की देर शाम काे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किया गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सेवा के अधिकारी निर्भय कुमार साहू को रायपुर-विशाखापट्टनम में प्रस्तावित भारत माला सड़क कॉरिडोर निर्माण में गलत तरीके से मुआवजा बांटने के आराेप में विभागीय जांच के बाद छत्तीसगढ़ के अवर सचिव क्लेमेन्टीना लकड़ा ने निलंबित कर दिया है। निर्भय इस वक्त जगदलपुर नगर निगम आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं। निर्भय कुमार इससे पहले रायपुर में एसडीएम रह चुके हैं, इस दौरान उन्होंने रायपुर-विशाखापट्टनम में प्रस्तावित भारत माला सड़क कॉरिडोर निर्माण में गलत तरीके से कुछ जमीन मालिकों को फायदा पहुंचाकर मुआवजा बांट दिया, इससे सरकार को नुकसान हुआ। जांच में पाया गया है कि निर्भय ने अपने काम में अनियमितता और लापरवाही की है। छत्तीसगढ़ के पूर्व कृषि मंत्री चंद्र शेखर साहू और भाजपा किसान मोर्चा के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने इस मामले में शिकायत की थी। भाजपा नेताओं के मुताबिक पूरे इलाके में लगभग 600 करोड़ की गड़बड़ी का अनुमान है।

भाजपा किसान मोर्चा के गौरीशंकर श्रीवास के अनुसार मामला साढ़े 3 साल पुराना है, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। प्रदेश में भारत माला सड़क परियोजना में तब की स्थानीय सरकार, अधिकारी और भू-माफियाओं ने बड़ा खेल कर दिया । यहां अभनपुर में किसानों की जमीन सड़क बनाने के प्रोजेक्ट में अधिग्रहित हुई। मुआवजा बांटने की बारी आई तो जमीन के रिकॉर्ड को बदलकर 18 गुना ज्यादा मुआवजा केंद्र सरकार से हासिल किया गया। इन रुपयों में से कुछ किसानों को दिए गए बाकी की बड़ी रकम, अधिकारी और भू-माफिया हड़प कर गए। गौरीशंकर श्रीवास ने बताया कि इतनी बड़ी गड़बड़ी बिना सरकार की जानकारी के हो ही नहीं सकती। हमने इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से भी शिकायत की थी। इस मामले में अभनपुर इलाके के तहसीलदार, पटवारी, एसडीएम और मनजीत खनूजा नाम का जमीन कारोबारी की मिलीभगत थी। पूर्व कृषि मंत्री चंद्र शेखर साहू का कहना है कि इसी इलाके के एक किसान बाल मुकुंद साहू काे नियमों के मुताबिक 1 करोड़ का मुआवजा मिलना था, लेकिन रिकॉर्ड में जमीन का साइज बदलकर 18 करोड़ रूपये दिलाए गए।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे

   

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