8 से 22 अप्रैल तक मनाया जाएगा पोषण पखवाड़ा

धर्मशाला, 03 अप्रैल (हि.स.)।

जब किसी चीज की नींव मजबूत होती है तो आगे के विकास की चिंता करने की अधिक आवश्यकता नहीं होती। पोषण के मामले में भी यदि गर्भधारण के बाद से पहले एक हजार दिन बच्चे की खुराक और आहार पर विशेष ध्यान दिया जाए तो बढ़ती आयु में उसके विकास में कोई बड़ी रूकावट नहीं आती। 8 अप्रैल से शुरु हो रहे पोषण पखवाड़े की तैयारियों के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि हमारा फोकस इस बात पर ज्यादा होना चाहिए कि गर्भधारण के बाद से पहले हजार दिनों तक गर्भवती/धात्री महिला और शिशु का आहार पोषण के भरपूर हो। यदि हम पहले हजार दिन में पोषण को लेकर सजग रहे तो आगे की यात्रा आसान हो जाएगी। एडीसी ने कहा कि समाज और देश के बेहतर भविषय के लिए हम सबको कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए काम करना होगा। उन्होंने जहां सभी विभागों को इसके लिए साथ मिलकर काम करने के निर्देश दिए, वहीं इसको लेकर आम समाज के बीच जागरूकता फैलाना पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से इस दौरान पूरे 15 दिनों तक पोषण को लेकर विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

उन्होंने विभागीय अधिकारियों को इस दौरान छः वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं तथा किशोर लड़कियों में कुपोषण और एनीमिया से निपटने के लिए व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए। 22 अप्रैल तक आयोजित किए जा रहे पोषण पखवाड़े में होने वाली गतिविधियों की जानकारी लेते हुए उन्होंने इसके व्यापक प्रचार प्रसार करने को भी कहा ताकि सभी लोग पोषण पखवाड़े में बढ़ चढ़कर भाग ले सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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