शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों को बंद कर बनना चाहते हैं चैंपियन : कपूर

धर्मशाला, 08 जनवरी (हि.स.)। भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों को बंद कर चैंपियन बनना चाहते है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जनता का विश्वास सरकारी स्कूलों से उठ रहा है। जो बच्चे स्कूल जाते थे, उन्होंने नए स्कूलों में दाखिला लेने के चलते अब काफी दूरी तय कर शिक्षा ग्रहण करने के लिए संबंधित स्कूलों में जाना पड़ रहा है। साथ ही बड़ी संख्या में बच्चे स्कूलों में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं।

बुधवार को जारी एक प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि सरकार जन विरोधी निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय के दौरान बंद या मर्ज हुए 1094 स्कूलों में पढ़ने वाले 674 बच्चों ने अन्य जगह दाखिले ले लिए हैं। दाखिले नहीं लेने वाले 60 बच्चों की पहचान करने का काम जारी है। इसका मतलब है कि सरकार मानती है कि बच्चों को असुविधा हुई है, इनमें अधिकांश बच्चे जिला शिमला में थे। जिला उपनिदेशक इस बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं पर उनकी गति भी काफी धीमी दिखाई दे रही है। सरकार की प्राथमिकता है कि यहां रहने वाले वाले हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार प्राप्त हो लेकिन सरकार के सभी निर्णय अपनी वाणी के विपरीत है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दोपहर पर पकने वाले मिड-डे मील की जानकारी न भेजने पर 93 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें 31 वरिष्ठ माध्यमिक 40 माध्यमिक पाठशाला और 22 हाई स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने जरूरी जानकारी शिक्षा विभाग को नहीं भेजी है। दरअसल स्कूलों में पीएम पोषण योजना के तहत यह नियम लागू किया गया है कि दोपहर में बच्चों को किस तरह का खाना परोसा जाता है, उसकी रियल टाइम रिपोर्टिंग हर रोज एसएमएस के जरिए शिक्षा निदेशालय को भेजनी है।

उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि सरकार और सरकार के अधिकारी अपने कार्य को लेकर गंभीर नहीं है और सरकार का अपने अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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