सेवानिवृत्त नायब तहसीलदारों की पुनर्नियुक्ति के विरोध में उतरा संयुक्त पटवार एवं कानूनगो महासंघ

धर्मशाला, 12 फ़रवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में नायब तहसीलदार के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया को पिछले एक वर्ष से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। खासतौर पर कांगड़ा, शिमला और मंडी मंडल में हालात और भी बदतर हो चुके हैं। वर्तमान में लगभग 45 से अधिक नायब तहसीलदार के पद खाली पड़े हैं लेकिन सरकार कानूनगो को नायब तहसीलदार के रूप में प्रमोट नही कर रही है जबकि योग्य कानूनगो जो बिल्कुल अपनी सेवानिवृत्ति के नजदीक हैं वह बिना प्रमोशन के रिटायर हो रहे हैं। वहीं इसके विपरीत सरकार सेवानिवृत्त और थके हुए नायब तहसीलदारों को फिर से नियुक्त करने का प्रयास कर रही है, जो न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि संगठन के हजारों कर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है। यह बात संयुक्त पटवार एवं कानूनगो महासंघ हिमाचल प्रदेश के राज्याध्यक्ष सतीश चौधरी ने बुधवार को जारी प्रेस बयान में कही।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस अनुचित प्रक्रिया को तुरंत नहीं रोका और कानूनगो को समय पर नायब तहसीलदारों के पद पर पदोन्नति नहीं दी, तो संघ सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि संघ सरकार को यह स्पष्ट कर देना चाहता है अगर सरकार सेवानिवृत्त अधिकारियों की पुनर्नियुक्ति की प्रक्रिया को जारी रखती है, तो प्रदेशभर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो संघ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। संघ सरकार से मांग करता है कि वह इस विषय पर गंभीरता से विचार करे और तत्काल सकारात्मक कदम उठाए, ताकि कर्मचारियों में व्याप्त असंतोष समाप्त हो और प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चलते रहें।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

   

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