काशी–तमिल संगमम् 4.0 :अस्सीघाट पर नुक्कड़ नाटक से सांस्कृतिक जागरूकता

एनएसएस-बीएचयू के स्वयंसेवकों ने “लर्न तमिल – तमिल कार्कलम” का संदेश जन-जन तक पहुंचाया

वाराणसी, 29 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी–तमिल संगमम् 4.0 की पूर्व-कार्यक्रम गतिविधियों में शनिवार अपरान्ह अस्सीघाट पर बीएचयू एनएसएस के स्वयंसेवकों ने नुक्कड़ नाटक से सांस्कृतिक जागरूकता की अलख जगाई। प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक से भाषाई आदान-प्रदान और आगामी काशी–तमिल संगमम् कार्यक्रम के लिए दोनों क्षेत्रों की साझा परंपराओं को भी दिखाया।

इसके अलावा भगवान शिव के प्रति आस्था पर आधारित सभ्यतागत संबंधों तथा आपसी समझ के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया। स्वयंसेवकों ने प्रभावशाली संवाद, अभिव्यक्तिपूर्ण अभिनय और सहभागितापूर्ण कहानी-वाचन के माध्यम से वर्ष 2025 की थीम “लर्न तमिल – तमिल कार्कलम” का संदेश जन-जन तक पहुंचाया। इसके पहले अस्सी घाट पर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, पर्यटक और टहलने वाले लोग प्रस्तुति देखने के लिए एकत्र हुए। दर्शकों ने इस सार्थक और संदेशपूर्ण प्रस्तुति की सराहना की। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. स्वप्ना मीना, समन्वयक, एनएसएस–बीएचयू, के मार्गदर्शन में किया गया। इसमें डॉ. अरुण कुमार, सहायक आचार्य बीएचयू ने भी पूरा सहयोग दिया।---------

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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