के.सी.सी.बी. लोन घोटाला : होटल मालिक से विजिलेंस ने फिर की लंबी पूछताछ

शिमला, 20 जनवरी (हि.स.)। के.सी.सी.बी. (कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक) के 20 करोड़ रुपये के लोन घोटाले में विजिलेंस जांच तेज हो गई है। होटल निर्माण के नाम पर मिले इस लोन को लेकर विजिलेंस ने सोमवार को होटल मालिक युद्ध चंद बैंस से लंबी पूछताछ की। यह तीन दिनों के भीतर दूसरा मौका है जब विजिलेंस ने बैंस को पूछताछ के लिए तलब किया। इससे पहले शनिवार को भी उनसे विस्तार से पूछताछ की गई थी।

युद्ध चंद बैंस अदालत के आदेश पर 24 जनवरी तक अंतरिम जमानत पर हैं और जांच में सहयोग करने की शर्त पर शिमला में विजिलेंस की पूछताछ में शामिल हुए। इस दौरान विजिलेंस ने मामले से जुड़े विभिन्न पहलुओं और बैंकिंग रिकॉर्ड पर सवाल पूछे। माना जा रहा है कि विजिलेंस जल्द ही बैंस को दोबारा तलब कर सकती है।

यह मामला हिमालय स्नो विलेज और होटल लेक पैलेस के मालिकों से जुड़ा है, जिन्होंने होटल निर्माण के लिए कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक से 60 करोड़ रुपये के लोन का आवेदन किया था। इसमें से 20 करोड़ रुपये की राशि मंजूर कर जारी कर दी गई। लेकिन जांच में यह खुलासा हुआ कि लोन प्रक्रिया में बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने न केवल बैंकिंग नीतियों का उल्लंघन किया बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के दिशानिर्देशों को भी नजरअंदाज किया।

लोन राशि के दुरुपयोग और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के आरोपों के बाद विजिलेंस ने इस मामले में होटल मालिकों के साथ-साथ के.सी.सी.बी. के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

विजिलेंस ने इस मामले में बैंक रिकॉर्ड खंगालने के साथ-साथ ऑडिट रिपोर्ट को कब्जे में लिया है। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि लोन देने के दौरान बैंक ने जो प्रक्रिया अपनाई, उसमें कई अनियमितताएं पाई गई हैं। जांच में यह भी पाया गया है कि लोन की मंजूरी और राशि जारी करने में अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया।

जांच एजेंसी अब यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या लोन राशि का उपयोग होटल निर्माण के उद्देश्य से हुआ या उसे अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया। साथ ही बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर भी गहराई से जांच की जा रही है।

बता दें कि विजिलेंस ने इस मामले में होटल मालिकों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज का उपयोग), 120-बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 13(1)(ए) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया है। यह मुकदमा ऊना जिले के विजिलेंस थाना में दर्ज किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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