साबरमती आश्रम की प्रार्थना सभा में शामिल हुए खरगे, सोनिया-राहुल समेत दिग्गज कांग्रेस नेता
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- Apr 08, 2025

•नौ अप्रैल को साबरमती तट पर कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होगा
अहमदाबाद, 8 अप्रैल (हि.स.)। गुजरात में 64 वर्ष बाद और देश में 84वां कांग्रेस अधिवेशन अहमदाबाद में आयोजित किया गया। मंगलवार को शाहीबाग स्थित सरदार स्मारक संग्रहालय में दिन के 11.50 बजे से दोपहर 3.50 बजे तक कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) आयोजित की गई। इस बैठक के बाद शाम साबरमती आश्रम में प्रार्थना सभा आयोजित की गई, जिसमें खरगे, सोनिया व राहुल समेत सभी वरिष्ठ नेता इसमें शामिल हुए। इसके बाद साबरमती रिवर फ्रंट पर गुजरात केन्द्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जो कि देर रात तक चला।
इससे पूर्व शाहीबाग स्थित सरदार स्मारक संग्रहालय करीब चार घंटे चली सीडब्ल्यूसी की बैठक में 118 सदस्य शामिल हुए। प्रियंका गांधी बैठक में शामिल नहीं हुईं, इसके लिए उन्होंने पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष से अनुमति ले ली थी। बैठक में सरदार पटेल पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। सभी सदस्यों को पटेल-ए-लाइफ बुक प्रदान की गई। बाद में सरदार स्मारक के बाहर सभी सदस्यों ने फोटो सेशन भी किया गया। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफार्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने बताया कि गुजरात में कांग्रेस का ये छठा अधिवेशन है। चार कांग्रेस अध्यक्ष दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी, सरदार पटेल और यूएन ढेबर गुजरात से ही रहे हैं। गुजरात की धरती ने हमें जिजीविषा और साहस दिया है। हम बापू की सीख को लेकर ही आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे गुजरात की धरती पर आकर अभिभूत हैं। खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं कि ऐसी पार्टी का हिस्सा हैं, जो गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल और सरदार पटेल की 150वीं जयंती मना रही है। इस अधिवेशन का नारा है- संकल्प, समर्पण, संघर्ष, इसे ही लेकर हम आगे बढ़ेंगे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि सरदार पटेल पर विशेष प्रस्ताव पर चर्चा कर उसे पारित किया गया। नौ अप्रैल को राष्ट्रीय अधिवेशन में एक राष्ट्रीय मुद्दे और एक गुजरात के मुद्दे पर प्रस्ताव पेश किया जाएगा। संविधान की प्रस्तावना में पहली ही लाइन में ही सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय लिखा है। इसी को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बात की। नौ अप्रैल के प्रस्ताव में कांग्रेस के एजेंडा में इसे शामिल किया जाएगा और इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। गुंजरात में सीडब्ल्यूसी और अधिवेशन का गुजरात में होना ही एक महत्वपूर्ण व प्रभावशाली संदेश है। उन्होंने गांधी, पटेल और नेहरू के आपसी संबंधों का भी जिक्र किया। बताया कि नेहरू और पटेल के बीच अनूठी जुगलबंदी थी। ये आधुनिक भारत के निर्माता थे। इन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश की आजादी की लड़ाई लड़ी और आधुनिक भारत की नींव भी रखी। उन्होंने नेहरू और पटेल के बीच खराब संबंधों को लेकर फैलाए गए भ्रम की आलोचना करते हुए कहा कि पटेल किसानों के हितैषी थे। लेकिन पटेल का नाम लेने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। किसान संगठनों को बदनाम किया जा रहा है। एमएसपी संबंधी किसानों की मांग को नजरअंदाज करना सरदार पटेल का अपमान है।
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय