वर्ष 2025 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ

जयपुर, 8 मार्च (हि.स.)। राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह ने शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ परिसर में वर्ष 2025 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया।

शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए न्यायाधिपति सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से आपसी समझाइश द्वारा लंबित प्रकरणों के निस्तारण की मूल भावना को साकार किया जाता है। जिससे पक्षकारों के समय की बचत के साथ-साथ उनके मध्य वैमनस्य का भाव भी समाप्त होता है।

न्यायाधिपति सिंह ने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत में लंबित प्रकरणों सहित प्री-लिटिगेशन स्तर तक के समस्त प्रकरणों का आपसी समझाइश से निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रकरणों की सुनवाई ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यमों से की जाएगी।

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव हरि ओम अत्रि ने बताया कि जन सामान्य के द्वारा अपने प्रकरणों को राजीनामे के माध्यम से निपटाने के लिए प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाए जाएंगे। इन प्रकरणों की सुनवाई के लिए अधीनस्थ न्यायालयों की कुल 468 बैंचों का गठन किया गया। अत्रि ने बताया कि 24 फरवरी तक इन बैंचों में तीन लाख 39 हजार 344 प्री-लिटिगेशन तथा न्यायालयों में लम्बित दाे लाख आठ हजार 605 प्रकरणों सहित कुल पांच लाख 47 हजार 949 प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी।

अत्रि ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति आमजन एवं पक्षकारों में काफी उत्साह है। पक्षकार स्वयं आगे बढ़कर अपने मामलों को लोक अदालत में लगवाने के लिए आ रहे हैं। साथ ही, विद्वान अधिवक्ता अपने स्तर पर पक्षकारों को अपने मामले राजीनामा के माध्यम से सुलझाने वाले इस सुलभ माध्यम को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर एवं जयपुर पीठ सहित प्रदेश के सभी अधीनस्थ न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों, उपभोक्ता आयोगों एवं अन्य प्रशासनिक अधिकरणों में भी किया गया है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में कार्यरत न्यायाधिपतियाें की चार बैंचों का गठन कर तीन हजार 170 लंबित प्रकरण तथा राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ में चार सेवानिवृत्त न्यायाधिपतियाें की बैंचों का गठन कर एक हजार 503 लम्बित प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए रैफर किये गये हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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