छोटी दवा कंपनियों को संशोधित शेड्यूल एम का पालन करने के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ाया गया समय 

नई दिल्ली, 12 फ़रवरी (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने छोटी दवा कंपनियों को संशोधित शेड्यूल एम का पालन करने के लिए इस वर्ष 31 दिसंबर तक का समय दे दिय़ा है। इस फैसले से करीब 8500 से अधिक कंपनियों को लाभ मिलेगा। इस संबंध में बुधवार को आदेश जारी की किया गया।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने आदेश में 250 करोड़ रुपये या उससे कम टर्नओवर वाले छोटे और मध्यम फार्मास्युटिकल निर्माताओं के संबंध में ’संशोधित अनुसूची एम’ (अच्छी विनिर्माण विधि प्रावधान) के कार्यान्वयन की नियत तिथि को सशर्त 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दिया है।

इससे पहले मंत्रालय ने 28 दिसंबर, 2023 को ‘संशोधित अनुसूची एम’ आवश्यकताओं को अधिसूचित किया था।

अधिसूचना के अनुसार निर्माताओं की श्रेणी को दो भागों में विभाजित किया गया है, जिसमें पहली श्रेणी 250 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले बड़े निर्माताओं की थी। ऐसे निर्माताओं को अनुपालन के लिए 6 महीने की समयसीमा दी गई थी और दूसरी श्रेणी 250 करोड़ से कम या उसके बराबर टर्नओवर वाले छोटे और मध्यम निर्माताओं के लिए अनुपालन के लिए 12 महीने की समयसीमा दी गई थी। ‘संशोधित अनुसूची एम’ आवश्यकताओं को बड़े निर्माताओं के लिए 28 जून, 2024 से लागू किया गया है।

छोटे और मध्यम फार्मास्युटिकल निर्माताओं ने बुनियादी ढांचे में सुधार, कर्मियों के प्रशिक्षण और वित्तीय संसाधनों की व्यवस्था करने के लिए समयसीमा बढ़ाने के लिए प्रतिनिधित्व किया था। इस पर विचार किया गया है और छोटे और मध्यम निर्माताओं को केंद्रीय लाइसेंस अनुमोदन प्राधिकरण को फॉर्म ए में उन्नयन के लिए अपनी योजना प्रस्तुत करने के लिए 11 फरवरी, 2025 से 3 महीने का समय दिया गया है। ऐसे निर्माता जो ये विवरण प्रस्तुत करते हैं, उनके लिए कार्यान्वयन की समयसीमा 31 दिसंबर, 2025 तक बढ़ा दी जाएगी। मंत्रालय के अनुसार नए नियम फार्मा कंपनियों को न केवल अपनी घरेलू स्थिति को मजबूत करने में सक्षम बनाएंगे बल्कि वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में भी सक्षम बनाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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