एमएमयू के सदस्यों ने अपने धार्मिक कर्तव्यों व जिम्मेदारियों को पूरा किया है-बुखारी

श्रीनगर, 27 जनवरी (हि.स.)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सैयद बशारत बुखारी ने आज प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी चिंताओं और सुझावों को व्यक्त करने के लिए जेपीसी के साथ बैठक करने के लिए मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) की सराहना की।

एक बयान में बुखारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में जेपीसी से मुलाकात की और प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी चिंताओं, आपत्तियों और सुझावों को सामने रखा। एमएमयू के सदस्यों ने अपने धार्मिक कर्तव्यों व जिम्मेदारियों को पूरा किया है और दुनिया भर के मुसलमानों के लिए शरिया पवित्र है और इसे किसी भी तरह या कानून के माध्यम से सतर्क या प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए।

पूर्व मंत्री ने इस मुद्दे पर अब तक जेपीसी के साथ एनसी सांसदों की किसी भी तरह की बातचीत न होने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए उम्मीद जताई कि मध्य कश्मीर और दक्षिण पीर पंचाल सीटों से सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के दो निर्वाचित सांसदों को भी समय निकालकर प्रस्तावित संशोधनों के बारे में जम्मू-कश्मीर में समुदाय की चिंताओं को दर्ज करने के लिए सशक्त समिति से मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दोनों माननीय सांसद खुद मुस्लिम हैं और उनकी व्यक्तिगत क्षमता में भी धार्मिक प्रभाव है इसलिए जेपीसी में प्रस्तावित संशोधनों पर समुदाय की आशंकाओं का जोरदार ढंग से प्रतिनिधित्व करने और ऐसे सभी संशोधनों के खिलाफ खड़े होने की अतिरिक्त जिम्मेदारी है जो शरिया कानून के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अगर दोनों सांसदों ने अभी तक मुलाकात नहीं की है तो उन्हें जल्द से जल्द ऐसा करना चाहिए ताकि शरिया कानून में किसी भी संभावित हस्तक्षेप के खिलाफ एक मजबूत पैरवी की जा सके।

   

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