मनरेगा मजदूरों को नहीं मिली मजदूरी, भुखमरी के कगार पर पहुंचे परिवार

गांवों में रुका विकास, 5 करोड़ से अधिक भुगतान बकाया

मीरजापुर, 4 मार्च (हि.स.)। जिले के विकास खंड पहाड़ी में मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों का पिछले तीन महीने से भुगतान नहीं हुआ, जिससे सैकड़ों मजदूरों के परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं। शासन की गाइडलाइन के अनुसार 7 से 15 दिनों के भीतर भुगतान होना चाहिए, लेकिन 46 ग्राम पंचायतों में न तो मजदूरों को मेहनताना मिला और न ही मैटेरियल सप्लायर को भुगतान किया गया।

ब्लॉक के रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले वित्तीय वर्ष का मैटेरियल भुगतान 2 करोड़ 47 लाख 72 हजार रुपए बकाया है, जबकि नवंबर से अब तक मजदूरों की मजदूरी 2 करोड़ 56 लाख 12 हजार 950 रुपए अटकी पड़ी है। मजदूरों का कहना है कि वे काम करने के बावजूद पैसे के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

ग्राम पंचायत थानापुर, मनोहरपुर, भोजपुर पहाड़ी, पसैया डगमगपुर, बेलवन, कनौरा आदि गांवों के मजदूरों ने बताया कि उन्होंने तीन महीने पहले काम किया था, लेकिन अब तक भुगतान नहीं मिला। राशन खरीदने तक के पैसे नहीं हैं, परिवार भूखे रहने को मजबूर है।

खंड विकास अधिकारी हरिओम गुप्ता ने बताया कि ब्लॉक स्तर से मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर शासन को भेजी जा चुकी है। कुछ मजदूरों का भुगतान हो चुका है, बाकी जल्द कर दिया जाएगा। हालांकि, मजदूरों और कर्मचारियों को अब भी सरकार के फैसले का इंतजार है।

विकास कार्य ठप, होली की खुशियां भी खतरे में

गांवों के प्रधानों ने बताया कि मनरेगा भुगतान न होने से मजदूरों और मैटेरियल सप्लायरों ने काम करने से इनकार कर दिया है, जिससे गांवों का विकास रुक गया है। मजदूरों का कहना है कि अगर समय पर पैसा नहीं मिला तो होली का त्योहार भी फीका रह जाएगा।

5 महीने से मनरेगा कर्मचारियों को भी नहीं मिला वेतन

मनरेगा में काम करने वाले एपीओ, रोजगार सेवक, कंप्यूटर ऑपरेटर, लेखा सहायक आदि कर्मचारियों को भी 5 महीने से मानदेय नहीं मिला। इससे उनके घरों में भी आर्थिक संकट गहरा गया है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि होली से पहले भुगतान होगा, लेकिन असमंजस बना हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

   

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