सिरसा: हरियाणा में लिंगानुपात गिरावट गंभीर चिंता का विषय: सैलजा
- Admin Admin
- Apr 11, 2025

सिरसा, 11 अप्रैल (हि.स.)। सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा में सामने आ रहे कन्या भ्रूण हत्या के मामला हमारी व्यवस्था, कानून और सामाजिक चेतना की गंभीर विफलता को उजागर करते है। जहां बेटियों को जन्म से पहले ही मिटा देने का सौदा खुलेआम हो रहा हो, वहां ‘बेटी बचाओ’ केवल एक नारा बनकर रह जाता है।
सांसद कुमारी सैलजा ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने अनुरोध किया है कि इस अमानवीय रैकेट की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों को विधिसम्मत कठोरतम सजा दी जाए। ‘बेटी बचाओ’ एक अभियान नहीं, एक राष्ट्रीय संकल्प होना चाहिए।
सैलजा ने कहा है कि नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में फिलहाल जन्म के समय लिंगानुपात 910 है, जो 2019 के 923 के मुकाबले 8 साल का सबसे कम स्तर है। 2024 में 516,402 बच्चों में से 52.35 प्रतिशत लडक़े और 47.64 प्रतिशत लड़कियां पैदा हुई हैं। हरियाणा के पानीपत से ही बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं का नारा दिया गया था, आज प्रशासनिक उपेक्षा के चलते यह सिर्फ नारा ही बनकर रह गया है क्योंकि लिंगानुपात में व्यापक सुधार नहीं दिख रहा है।
लिंगानुपात में उतार-चढ़ाव इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ हो रही है। लिंग जांच का धंधा हरियाणा में तेजी पकड़ता जा रहा है पर पड़ोसी राज्यों में आज भी जारी है। हरियाणा की गर्भवती महिलाओं को पडोसी राज्यों में ले जाकर भ्रूण के लिंग की जांच करवाई जा रही है, लडक़ी होने पर गर्भपात भी करवाया जा रहा है। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत की भूमि से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू किया था पर 2020 के बाद से लगातार लिंगानुपात में गिरावट जारी है। लिंग निर्धारण रैकेट चलाने वालों ने इस खेल को आगे बढ़ाया है और विशेष पीएनडीटी टीमें और पुलिस अधिकारी खुद को इनके पीछे ही पाते हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma