जम्मू में दिहाड़ी मजदूरों की महापंचायत, नियमितीकरण और नौकरी नीति सुधार की मांग
- Neha Gupta
- Apr 22, 2025


जम्मू, 22 अप्रैल । अखिल जम्मू-कश्मीर दिहाड़ी मजदूर संयुक्त मोर्चा द्वारा आयोजित महापंचायत में प्रदेश के कई जिलों से दिहाड़ी मजदूर धरना के लिए यहां हरि सिंह पार्क में एकत्र हुए। सेवाओं के नियमितीकरण और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के कार्यान्वयन की लंबे समय से लंबित मांग को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसमें कई सरकारी विभागों के कर्मचारी शामिल थे जैसे कि दिहाड़ी मजदूर, होमगार्ड, 10+2 संविदा व्याख्याता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, क्लस्टर संसाधन समन्वयक, व्यावसायिक प्रशिक्षक, किसान उद्यमी, एसपीओ, एनवाईसी, आरईके, वन कर्मचारी, आरटी, सेहत, कृषि, पीएमएवाईएम कर्मचारी, भूमि दाता, एसआरओ-43 लाभार्थी, सीपीडब्ल्यू, सीएपीडी कर्मचारी और मौसमी शिक्षक आदि।
सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त मोर्चे ने सभी श्रेणियों के संविदा, अस्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। वक्ताओं ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित मौजूदा गठबंधन नेताओं से जम्मू-कश्मीर के मजदूर वर्ग से किए गए वादों को पूरा करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू-कश्मीर में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम लागू करने और लद्दाख के साथ समानता लाने की भी जोरदार अपील की गई जहां दैनिक वेतनभोगी कथित तौर पर 45,000 रुपये प्रति माह तक वेतन प्राप्त कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के बीच भेदभाव का आरोप लगाया और समान व्यवहार की मांग की। नेताओं ने जेकेएसएसबी और अन्य भर्ती एजेंसियों के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने का भी आह्वान किया। जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने और बढ़ती बेरोजगारी को दूर करने का भी जोरदार आह्वान किया गया जिसके बारे में प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि यह 42 प्रतिशत तक पहुंच गई है। महापंचायत में वक्ताओं ने पिछले एक दशक में नियमितीकरण की कमी की भी आलोचना की और सभी कर्मचारी संघों से एक साझा मुद्दे के लिए एकजुट होने और एक स्पष्ट और न्यायपूर्ण नौकरी नीति के लिए लड़ने का आग्रह किया।