मकर संक्रांति: भगवान को तिल लड्डू का भोग लगाकर मांगी परिवार की खुशहाली
- Admin Admin
- Jan 14, 2025

धमतरी, 14 जनवरी (हि.स.)। सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति पूरे जिले में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया, इसे लेकर लोगों में खासा उत्साह रहा।
परंपरा अनुसार तिल गुड़ का भोग लगाकर घर में आराध्य देव की पूजा की गई। मकर संक्रांति पर्व के चलते शहर की दुकानों में तिल गुड़ की पूछपरख बढ़ गई। महानदी के पास स्थित रूद्रेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की गई।
मंगलवार 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व अंचल और शहर में मनाया गया। दान के पर्व के नाम से प्रसिद्ध मकर सक्रांति में एक दूसरे को गुड़ तिल का दान देने की परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है।
मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को हर घर में घर के आराध्य देव को तिल-गुड़ का भोग लगाया गया। इसके बाद परिवार की खुशहाली की कामना की गई। इस दिन जरूरतमंद को दान देना पुण्य माना जाता है। इस दिन तिल गुड़ से बने पकवान खाये जाते हैं। पर्व के अवसर पर कई लोग अलसुबह महानदी में स्नान करने पहुंचे।
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा रही है। परंपरा का निर्वहन करते हुए बच्चों और बड़ों ने पतंग भी उड़ाई। धमतरी में पूर्व के वर्षों में मकर संक्रांति पर्व पर पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता भी होती रही है, लेकिन इस बार यह प्रतियोगिता दिखाई नहीं दी। शहर के चुनिंदा पतंग दुकानों में बच्चे पतंग खरीदने पहुंचते रहे।
दान और स्नान का है विशेष महत्व: पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि, सूर्य 12 राशियों के भ्रमण के दौरान जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व है। इसलिये गुड़ और तिल का दान किया जाता है। अवश्य करें, इसका विशेष लाभ मिलता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा