पानिहाटी के चैयरमैन मलय रॉय ने अभी तक नहीं दिया इस्तीफा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखा पत्र

कोलकाता, 12 मार्च (हि. स.)। पानिहाटी नगरपालिका के चेयरमैन मলय रॉय ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है, जबकि मंगलवार को उन्होंने खुद कहा था कि वह पद छोड़ देंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है, जिससे उनके इस्तीफे को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है।

मलय रॉय के नेतृत्व पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे। पानिहाटी नगरपालिका के कई वार्डों में उनके खिलाफ असंतोष था, और नगर परिषद के कई पार्षदों ने पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर उन पर अविश्वास जताया था। नागरिक सुविधाओं और अन्य मामलों को लेकर उनकी भूमिका विवादों में रही है। हाल ही में, स्थानीय अमरावती मैदान के एक बड़े हिस्से को आवासीय परियोजना के लिए बेचने की योजना सामने आई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया। राज्य सरकार ने लगभग 85 बीघा जमीन का अधिग्रहण करने का फैसला किया। इसके अलावा, नगरपालिका के 125 साल पूरे होने पर चंदा वसूली के आरोप भी मलय रॉय पर लगे हैं। इसी विवाद के बीच, शनिवार को तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें इस्तीफा देने का निर्देश दिया था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

मंगलवार को पश्चिम बंगाल के नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक और पानिहाटी के विधायक निर्मल घोष के कमरे से मलय रॉय को फोन कर इस्तीफा देने को कहा था। इसके बाद मलय, फिरहाद हकीम के चेतला स्थित घर पहुंचे और बैठक की। वहां से निकलने के बाद उन्होंने कहा था कि जब पार्टी की सर्वोच्च नेता ने आदेश दिया है, तो मुझे उसका पालन करना होगा। मैंने मंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और एसडीओ को भी भेज दूंगा। लेकिन सूत्रों के अनुसार, बुधवार शाम तक उनका इस्तीफा महकमा शासक (एसडीओ) के पास जमा नहीं हुआ था।

जब इस बारे में मलय रॉय से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि जब कुछ कहने का समय आएगा, तब मैं खुद इसकी जानकारी दूंगा। अभी इस पर बोलने का सही वक्त नहीं है।

पानिहाटी नगर पालिका में कुल 35 वार्ड हैं। सूत्रों के अनुसार, पिछले साल मलय रॉय के खिलाफ 32 पार्षदों ने तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पत्र लिखकर अविश्वास व्यक्त किया था। उस समय विधायक निर्मल घोष ने भी इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन ममता बनर्जी ने मलय को पद पर बनाए रखने का निर्देश दिया था। हालांकि, इस बार ममता बनर्जी खुद उनके इस्तीफे के पक्ष में हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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