ममता बनर्जी का शुभेंदु अधिकारी पर बिना नाम लिए हमला, विधानसभा में हंगामा

कोलकाता, 12 मार्च (हि.स.) ।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में बुधवार को जबरदस्त हंगामा हुआ, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी पर बिना नाम लिए तीखा हमला बोला। यह विवाद सरकार द्वारा अधिकारी की हालिया टिप्पणी के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव को लेकर हुआ। हालांकि शुभेंदु उस समय विधानसभा में मौजूद नहीं थे, क्योंकि उन्हें निलंबित किया जा चुका है। इस दौरान वह भाजपा विधायकों के साथ बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।

विधानसभा में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वे अध्यक्ष बनने के लिए यह सब कर रहे हैं! क्या अध्यक्ष बनने के लिए लड़ना पड़ता है? जो योग्य होगा, वही अध्यक्ष बनेगा। ममता का यह बयान भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर चल रही चर्चाओं की ओर इशारा माना जा रहा है। भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, और पश्चिम बंगाल में भी नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी का नाम संभावित उम्मीदवारों में शामिल है और उन्होंने इस संबंध में कई बार दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात भी की है। लेकिन भाजपा में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति लागू है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि अगर शुभेंदु को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है, तो क्या उन्हें विपक्ष के नेता पद से हटना पड़ेगा।

शुभेंदु का ममता पर पलटवार

ममता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह तृणमूल नहीं, भाजपा है, जहां अध्यक्ष का चयन लोकतांत्रिक प्रक्रिया से होता है। भाजपा में कोई व्यक्ति दो पदों पर नहीं रहता। अगर किसी को नया पद दिया जाता है तो शीर्ष नेतृत्व पहले उससे चर्चा करता है। इसलिए मुझे उनके बयान का जवाब देने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि असल में वे 2021 में मुझसे 1,956 वोटों से मिली हार को अभी तक भूल नहीं पाई हैं।

उधर भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी के निलंबन के विरोध में विधानसभा में प्रदर्शन किया। सभी भाजपा विधायक काले कपड़े पहनकर पहुंचे और सरकार के निंदा प्रस्ताव का विरोध किया। उनका कहना था कि जब शुभेंदु सदन में मौजूद ही नहीं हैं तो उनके खिलाफ चर्चा नहीं की जानी चाहिए। भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच ममता बनर्जी ने भाषण देना शुरू किया, जिससे माहौल और गरमा गया। इस पर भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने कहा कि मुख्यमंत्री खाली मैदान में गोल करने की कोशिश कर रही हैं। वह खुद विधानसभा तोड़ने की अगुआई कर चुकी हैं। फिर अब शुभेंदु पर प्रस्ताव क्यों लाया जा रहा है?

ममता ने जवाब देते हुए कहा कि अगर मैं बाहर कुछ कहूं तो आप यहां चर्चा कर सकते हैं। फिर शुभेंदु की कही बातों पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती? उन्होंने कभी विधानसभा में तोड़फोड़ नहीं की और अगर कोई इसे साबित कर दे, तो वह पद छोड़ने को तैयार हैं। इसके बाद भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया और बाहर प्रदर्शन किया, जहां शुभेंदु अधिकारी ने मोर्चा संभाला।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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