गुरेज घाटी के कई निवासी अपने घरों से भागकर जिला मुख्यालय की ओर जा रहे

बांदीपुरा, 07 मई (हि.स.)। उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा जिले में गुरेज घाटी के कई निवासी अपने घरों से भागकर जिला मुख्यालय की ओर जा रहे हैं।

विशेष रूप से गुरेज घाटी नियंत्रण रेखा के बहुत करीब है और अतीत में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हुई झड़पों का खामियाजा भुगत चुकी है।

गुरेज के केंद्रीय इलाके में स्थित दावर के स्थानीय निवासी और पंचायत राज संस्थाओं (पीआरआई) के पूर्व प्रमुख अब्दुल रहीम लोन ने बताया कि उनके इलाके के करीब 40 परिवार गुरेज से भाग गए हैं।

उन्होंने कहा कि मेरे और कुछ अन्य परिवार यहीं रह गए हैं और करीब 40 परिवार सुबह-सुबह बांदीपुरा की ओर निकल गए।

उन्होंने कहा कि बुधवार को भारत द्वारा पाकिस्तान में लक्षित हमलों की खबर आने के तुरंत बाद ही लोग अपने घरों से निकलकर सामुदायिक बंकरों के आसपास जमा हो गए। उन्होंने कहा कि यहां बहुत डर है।

उन्होंने बताया कि सिंधु जल संधि के स्थगित होने के कारण आशंकाएं दोगुनी से भी अधिक हो गई हैं क्योंकि किशनगंगा की एक महत्वपूर्ण बिजली परियोजना का एक हिस्सा घाटी में स्थित है जिसमें बांध स्थल भी शामिल है।

एसडीएम गुरेज ने कहा कि बांदीपुरा की सड़क खुली है और जो कोई भी जाना चाहता है वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र है।

विशेष रूप से गुरेज की अधिकांश आबादी सर्दियों में बांदीपुरा, श्रीनगर, कंगन और अन्य क्षेत्रों में भी पलायन करती है और इन क्षेत्रों में भी किराये के मकान या घर रखती है।

उन्होंने यह भी कहा कि सामुदायिक बंकर खुले हैं और जो लोग असुरक्षित महसूस करते हैं वे स्वेच्छा से उनमें जा रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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