सिकरहना नदी पर प्रस्तावित तटबंध के विरोध में विशाल धरना का आयोजन

पूर्वी चंपारण,01 मार्च(हि.स.)।जिले के बंजरिया प्रखंड के जटवा गांव में शनिवार को सिकरहना नदी पर प्रस्तावित तटबंध के विरोध एक दिवसीय विशाल धरना का आयोजन किया गया, जहां हजारों की संख्या में सिकरहना तटबंध रोको संघर्ष समिति के बैनर तले जुटे किसान-मजदूर व आम नागरिको के साथ जन प्रतिनिधियो ने एक स्वर में तटबंध निर्माण का विरोध जताया।

धरना को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री रामचंद्र सहनी ने कहा कि यह परियोजना बिना जनसुनवाई और जमीनी सर्वेक्षण के शुरू की जा रही है। इस बांध का निर्माण 1978-80 के दौरान शुरू हुआ था लेकिन जनता के विरोध के कारण इसे रोकना पड़ा था,जिसके बाद इस क्षेत्र के भौगौलिक बनावट में काफी परिवर्त्तन हुआ है।कोई भी तटबंध बाढ से बचाने के लिए बनायी जाती है,लेकिन सिकरहना में अभी प्रस्तावित तटबंध से बड़ी आबादी डुब जायेगी। लोगो को पलायन करना होगा।

अन्य जनप्रतिनिधियो ने कहा कि इस तटबंध निर्माण से खेती योग्य भूमि बालू की रेत में तब्दील होकर बंजर हो जायेगी।यह बांध रेलवे लाइन और घनी आबादी के करीब प्रस्तावित है। बांध टूटने की स्थिति में रेलवे और स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान हो सकता है। बांध बनने से लंबे समय तक जलजमाव होगी।

धरना के दौरान संघर्ष समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सरकार से बांध निर्माण तुरंत रोकने की मांग की। साथ ही चेतावनी दिया कि बिना जनसुनवाई के तटबंध निर्माण किसी भी हालत में नही होने दिया जायेगा।सरकार अगर निर्णय को नही टालती है,तो इसको लेकर बड़ा आंदोलन होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार

   

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