जेकेके में दो दिवसीय जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल में गूंजे सुरीले स्वर

जेकेके में दो दिवसीय 'जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल' में गूंजे सुरीले स्वर

जयपुर, 13 सितंबर (हि.स.)।सामवेद की ध्रुवपद गायिकी के सुरीले स्वरों से जवाहर कला केंद्र का रंगायन सभागार गूंज उठा। मौका रहा, कला, साहित्य, संस्कृति विभाग राजस्थान सरकार और जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित दो दिवसीय 'जयपुर ध्रुवपद फेस्टिवल' के आगाज का। स्वागत जयपुर फाउंडेशन और विश्व ध्रुवपद गुरुकुल निर्देशित और क्यूरेट फेस्टिवल में कलाकारों ने प्राचीन ध्रुवपद गायिकी के श्रोताओं से भाव-विभोर कर दिया। मॉर्निंग रागा कार्यक्रम में डागर घराने के शिष्य व युवा ध्रुवपद गायक रहमान हरफन मौला का ध्रुवपद गायन हुआ। उन्होंने अपनी ध्रुवपद गायिकी में सुबह की राग-रागिनियों को अपनी प्रस्तुतियों का माध्यम बनाया।

तोड़ी के रंग, ध्रुवपद के संग

मॉर्निंग रागा की शुरुआत में कलाकार रहमान हरफन मौला ने समयानुसार राग मियां की तोड़ी में आलाप किया। इसके बाद उन्होंने इसी राग में 'मैरो मन अति उल्लास...' बंदिश को प्रस्तुत कर सुरों पर अपनी पकड़ का सफल प्रदर्शन किया। उन्होंने राग गुर्जरी तोड़ी में 'कटत विकार नाम उच्चार नर सुमिरन करे करतार...' बंदिश को भी पूरे मनोभाव से प्रस्तुत किया। इसके बाद राग भैरवी से अपनी प्रस्तुति को विराम दिया। उनके साथ पखावज पर कलाकार ऐश्वर्य आर्य ने संगत की।

सुर, लय और ताल का बेजोड़ प्रदर्शन

समारोह की शाम की कड़ी में उस्ताद ज़िया फरीदुउद्दीन खान डागर की शिष्या सुनीता अवनि अमीन का ध्रुवपद गायन हुआ। इस दौरान सुनीता अमीन ने राग यमन में धमार की प्रस्तुति दी। उन्होंने आलाप के बाद बंदिश के जरिए डागर घराने के सबक को तन्यमता से प्रस्तुत किया। इसके बाद राग अडाना में 'शिव शिव...,' बंदिश से अपने गायन को विराम दिया। उनके साथ पखावज पर पं.मोहन श्याम शर्मा ने संगत की। अंत में दिल्ली के दिग्गज कलाकार पद्मश्री उस्ताद फैय्याज वासिफउद्दीन खान डागर ने अपने चिरपरिचित अंदाज में ध्रुवपद गायन से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

उन्होंने शुुरुआत में राग जयजयवंती में मियां तानसेन की बंदिश 'मुरलिया कैसे बाजे...,' को प्रस्तुत कर सुर, लय और ताल का बेजोड़ प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने आलाप के स्वरों के जरिए श्रोताओं को अपना मुरीद बना लिया। देर तक चले कार्यक्रम में उन्होंने श्रातोओं की फरमाइश पर विभिन्न रागों को पेशकर वातावरण को संगीमय बनाकर छोड़ा। उनके साथ पखावज पर पं.मोहन श्याम शर्मा ने सधि हुई संगत की।

संवाद प्रवाह में नवाचार पर हुई चर्चा

कार्यक्रम के दूसरे चरण में संवाद प्रवाह के तहत ध्रुवपद गायिकी और उसके संरक्षण को लेकर गहन मंथन हुआ। इस मौके पर प्रोफेसर माया रानी टांक, राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित वैदिक कलाकार रामू रामदेव और उस्ताद वासिफउद्दीन खान डागर सहित कथक गुरु रेखा ठाकर ने कथक, ध्रुवपद और चित्रकारी पर नवाचार को लेकर बात रखी। उस्ताद डागर ने कहा कि कला को समय देना जरूरी है, तभी समय आपको कला के क्षेत्र में आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि कलाकार कोई बना नहीं सकता, बल्कि कला में डूबने पर ही कला साधक को उसकी तपस्या आगे बढ़ाती है।

इसी तरह कलाकार रामू रामदेव ने कहा कि सरकार विभिन्न कलाओं को संरक्षण दे रही हैं। उन्होंने शास्त्रीय संगीत और विभिन्न कलाओं को लेकर कहा कि प्राइमरी स्कूलों में नई शिक्षा नीति लागू होनी चाहिए ताकि बच्चों में शास्त्रीय संगीत के प्रति रुचि पैदा कराई जा सके। कथक गुरु रेखा ठाकर और प्रोफेसर माया रानी टांक ने शिक्षण संस्थानों में ध्रुवपद और संगीत के महत्व पर गंभीरता से प्रकाश डाला। संवाद प्रवाह का मॉडरेशन वरिष्ठ संस्कृर्तिकर्मी इकबाल खान ने किया।

आज पं.ऋत्विक सान्याल और डागर ब्रदर्स का गायन

फेस्टिवल के दूसरे दिन 'मॉर्निंग रागा' में सुबह 9 बजे कोलकाता की ध्रुवपद गायिका अपराजिता चक्रवर्ती का ध्रुवपद गायन होगा। उनके साथ पखावज पर ऐश्वर्य आर्य संगत करेंगे। इसी दिन 'ईवनिंग कंसर्ट' में डागर घराने की 20वीं पीढ़ी के कलाकार उस्ताद एस.नफीसउद्दीन खान डागर और उस्ताद एस.अनीसउद्दीन खान डागर का ध्रुवपद गायन होगा। उनके साथ पखावज पर ऐश्वर्य आर्य संगत करेंगे। अंत में बनारस के दिग्गज कलाकार पद्मश्री पंडित ऋत्विक सान्याल का ध्रुवपद गायन होगा। उनके साथ पखावज पर प्रदेश के मशहूर पखावज वादक पं.प्रवीण कुमार आर्य संगत करेंगे।

संवाद प्रवाह में 'ध्रुवपद' पर होगी चर्चा

दो दिवसीय फेस्टिवल के तहत रविवार को सुबह 11 बजे से जवाहर कला केंद्र में संवाद प्रवाह का आयोजन होगा। जिसमें पहले दिन प्रोफेसर माया रानी टांक, राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्माति वैदिक कलाकार रामू रामदेव और उस्ताद वासिफउद्दीन खान डागर सहित कथक गुरु रेखा ठाकर ध्रुवपद पर अपनी बात रखेंगे। दूसरे दिन कला समीक्षक डॉ.राजेश व्यास, डॉ.गौरव यादव, पद्मश्री पंडित ऋत्विक सान्याल और संगीतज्ञ पंडित आलोक भट्ट ध्रुवपद गायिकी पर परिचर्चा में भाग लेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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