सिकंदराबाद के एचडीएमसी-21 कोर्स के अधिकारियरों ने समझी सरहदी इलाकों की जमीनी हकीकत
जोधपुर, 21 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय सेना के भावी अधिकारियों को सीमाई हालात और ऑपरेशनल तैयारियों की जमीनी समझ बढ़ाने के लिए हाई-लेवल फॉरवर्ड एरिया टूर कराया गया। सिकंदराबाद के कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम) के एचडीएमसी-21 कोर्स के अधिकारी पश्चिमी राजस्थान के दौरे पर हैं। सैन्य अधिकारी जोधपुर, जैसलमेर और ऐतिहासिक लॉन्गेवाला पोस्ट पहुंचे और सीमा के जमीनी हालात का अध्ययन किया।
भारतीय सेना की कोर्णाक कोर की सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट के अनुसार, सैन्य अधिकारियों को कोणार्क कोर में ऑपरेशनल तैयारियों पर ब्रीफिंग दी गई। डेजर्ट सेक्टर में सेना की रणनीतिक, लॉजिस्टिक और टैक्टिकल जरूरतों का व्यवहारिक परिचय कराया गया। अधिकारियों को विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के प्रभाव, महत्व और मौजूदा सुरक्षा ढांचे पर संभावित असर के बारे में बताया।
बैटल एक्स डिवीजन ने आधुनिक हथियार प्रणाणी, फील्ड डिप्लॉयमेंट, रियल टाइम ऑपरेशनल डायनामिक्स और रेगिस्तान में युद्ध की चुनौतियों पर प्रेजेंटेशन दिया। बदलती अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और पश्चिमी सीमा पर उभरती नई चुनौतियों पर भी गहन चर्चा हुई। अधिकारियों ने सीमा क्षेत्र में सेना की मोर्चाबंदी, तैनाती, संसाधन-सहयोग और रणनीतिक निर्णय प्रक्रिया का निरीक्षण किया।
लोंगेवाला भी गया दल
सेना के अग्रिम मोर्चों की यात्रा के दौरान सैन्य अधिकारियों का दल लोंगेवाला भी पहुंचा, जहां 1971 के युद्ध में भारतीय सेना की अदम्य वीरता और साहस की अमर गाथा कण कण में महसूस की जाती है। इस ऐतिहासिक स्थल पर अधिकारियों ने वैलर एंड करेज की कहानी को जमीन से समझते सैन्य नेतृत्व के मूल्यों और जिम्मेदारियों का भावनात्मक अनुभव प्राप्त किया। टूर के समापन के साथ ही एचडीएमसी-21 के अधिकारियों ने सीमाई परिस्थिति, सैन्य तैयारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक पहलुओं का जाना।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश



