बहुप्रतीक्षित ट्रेन सेवा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली को दिया जा रहा अंतिम रूप

जम्मू, 5 जनवरी (हि.स.)। कटरा से बारामुला तक की बहुप्रतीक्षित ट्रेन सेवा 20 जनवरी से शुरू होने वाली है जिसके लिए रेलवे ट्रैक पर कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं, खास तौर पर रियासी से बारामुला तक के संवेदनशील इलाकों में । इस खंड में रणनीतिक सुरंगें और प्रतिष्ठित चिनाब ब्रिज - दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल शामिल हैं।

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बहुस्तरीय सुरक्षा प्रणाली को अंतिम रूप दिया जा रहा है और ट्रेन सेवा शुरू होने से पहले इसे पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और जम्मू-कश्मीर पुलिस यात्रियों, ट्रेनों और रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों का समन्वय करेगी।

अधिकारी ने कहा कि आरपीएफ मुख्य रूप से रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की सुरक्षा संभालेगी जबकि जीआरपी आतंकवाद विरोधी उपायों की देखरेख करेगी। इस बीच स्थानीय पुलिस और विशेष अभियान समूह (एसओजी) द्वारा क्षेत्र वर्चस्व और स्वच्छता कार्यों का प्रबंधन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पिकेट और कर्मियों को ट्रैक के पास संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। रियासी जिले में चिनाब ब्रिज को सेना की एक पूरी कंपनी द्वारा चौबीसों घंटे निगरानी का काम सौंपा गया है। अधिकारी ने कहा कि किसी भी खतरे को रोकने के लिए यह लगातार निगरानी में रहेगा।

अधिकारियों के अनुसार रियासी से बारामुला तक ट्रैक को सुरक्षित करने के लिए प्रस्थान से पहले ट्रेनों की सफाई, रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की तलाशी और सुरंगों और पुलों के आसपास और आसपास लगातार गश्त सहित सुरक्षा व्यवस्था हर दिन सुनिश्चित की जाएगी।

रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा ट्रैक का अंतिम वैधानिक निरीक्षण 7-8 जनवरी को निर्धारित किया गया है। मंजूरी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के लिए पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। लॉन्च की सटीक तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।

वर्तमान में ट्रेन सेवाएं श्री माता वैष्णो देवी जी मंदिर के आधार शिविर कटरा तक संचालित होती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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