अस्पतालों के निजीकरण के विरोध में उतरी म्युनिसिपल मजदूर यूनियन

मुंबई. 29 अप्रैल (हि.स.)। मुंबई महानगरपालिका द्वारा संचालित अस्पतालों के निजीकरण के मुद्दे को लेकर म्युनिसिपल मजदूर यूनियन ने आंदोलन छेड़ने का एलान किया है। चेतावनी दी गई है कि जब तक अस्पतालों के निजीकरण के प्रस्ताव को मनपा रद्द नहीं कर देती आंदोलन जारी रहेगा। यह आंदोलन 9 मई 2025 से किया जाएगा।

म्युनिसिपल मजदूर यूनियन के अध्यक्ष अशोक जाधव ने बताया कि मुंबई वासियों और कर्मचारियों को अस्पतालों को बचाने के लिए संघर्ष करना चाहिए। प्रशासन मनपा के खजाने को खाली करने का काम कर रहा है। अगले कुछ महीनों में कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने की संभावना हो सकती है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और मनपा आयुक्त भूषण गगरानी को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। बोरीवली में पुनर्निर्मित भगवती अस्पताल, बांद्रा के भाभा अस्पताल, मुलुंड के अग्रवाल अस्पताल, गोवंडी के शताब्दी अस्पताल और विक्रोली के क्रांतिवीर महात्मा ज्योतिबा फुले अस्पताल के निजीकरण के खिलाफ 9 मई 2025 से विरोध प्रदर्शन करने किया जाएगा।

जाधव के अनुसार मुंबई के करदाताओं के टैक्स के पैसे से पुनर्विकसित किए गए अस्पतालों का निजीकरण नहीं होने देंगे. विरोध प्रदर्शन की शुरुआत 9 मई को बोरीवली के भगवती अस्पताल से की जाएगी. फिर अन्य अस्पतालों में आंदोलन होगा. निजीकरण का प्रस्ताव स्थाई रूप से रद्द होने तक संघर्ष जारी रहेगा। राज्य सरकार और बीएमसी प्रशासन नहीं जागा तो जून महीने में आजाद मैदान में बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। संघ के पदाधिकारी प्रदीप नारकर ने बताया कि कर्मचारियों के 60 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। सभी संवर्गों के 1 लाख 45 हजार 573 पदों में से मात्र 85 हजार कर्मचारी ही कार्यरत हैं. सरकार रिक्त पदों को नहीं भर रही है। कर्मचारी और अधिकारी अतिरिक्त काम के बोझ से परेशान हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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