अन्ना विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न मामले का एनसीडब्ल्यू ने लिया संज्ञान, जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित

नई दिल्ली, 28 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने अन्ना विश्वविद्यालय में हुए यौन उत्पीड़न की घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने इसके साथ मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी और महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी तथा एनएचआरसी के विशेष प्रतिवेदक प्रवीण दीक्षित शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि अन्ना यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की एक छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न किया गया। घटना 23 दिसंबर की है। मामला तब सामने आया, जब छात्रा ने इसकी पुलिस से खुद शिकायत की थी। शुरू में पुलिस ने केस को हल्के में लिया और कोई कार्रवाई नहीं की। सोशल मीडिया पर केस उछला तब पुलिस हरकत में आई। मामले में पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया। 37 वर्षीय आरोपित यूनिवर्सिटी परिसर के पास में बिरयानी बेचता है।

शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि इस संबंध में तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक को पहले ही नोटिस जारी किया गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय तथ्य-खोजी समिति गठित की है। समिति मामले की जांच करेगी, घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की जांच करेगी और अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई का आकलन करेगी। यह तथ्यों का पता लगाने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के उपायों का प्रस्ताव करने के लिए संबंधित अधिकारियों, पीड़िता, उसके परिवार, दोस्तों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों से भी बातचीत करेगी।

तथ्यान्वेषण समिति के सदस्य 30 दिसंबर को चेन्नई का दौरा कर सकते हैं।

आयोग ने जिन रिपोर्ट्स पर मामले का संज्ञान लिया है, उसके मुताबिक गनानासेकरन नामक एक खाद्य विक्रेता ने कथित तौर पर अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश किया, 19 वर्षीय एक लड़की का यौन उत्पीड़न किया और उसके पुरुष मित्र के साथ शारीरिक रूप से मारपीट की। आरोपित आदतन अपराधी बताया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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