राष्ट्र व्यापी स्वर्वेद संकल्प यात्रा पहुंची असम, मुख्यमंत्री हिमंता ने सीखी विहंगम योग साधना

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— असम के मुख्यमंत्री स्वर्वेद महामंदिर धाम आएंगे,ध्यान-साधना का अभ्यास भी करेंगे

वाराणसी, 27 सितम्बर (हि.स.)। स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज के सान्निध्य में 7 जुलाई से कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाने वाली राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा असम पहुंच गई है। असम सरकार ने संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज को राज्य अतिथि का दर्जा प्रदान किया। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने संत प्रवर से मुलाकात कर आर्शीवाद लिया। साथ ही उन्होंने वाराणसी उमरहा स्थित दुनिया के सबसे मेडीटेशन सेंटर स्वर्वेद महामंदिर धाम में आने की बात कही। संत प्रवर के सान्निध्य में एक घंटे तक ध्यान-साधना का अभ्यास करने की इच्छा जताई। शुक्रवार को ये जानकारी चौबेपुर उमरहा स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम से मिली।

बताया गया कि यह यात्रा तमिलनाडु (कन्याकुमारी) सहित दक्षिण भारत के विविध प्रान्तों के साथ महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ ओडिशा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम होते हुए असम राज्य में पहुँच चुकी है। असम के मुख्यमंत्री ने स्वयं महाराज श्री का आशीर्वाद प्राप्त कर विहंगम योग की लोक कल्याणकारी ध्यान-साधना का भी अध्यास किया। विहंगम योग के लोक कल्याणकारी ध्यान-साधना की दीक्षा स्वयं महाराज श्री ने मुख्यमंत्री को दी और साधना का अभ्यास कराया।

अभ्यास के बाद असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी अद्भुत ध्यान-साधना का प्रचार-प्रसार तो जन-जन में होना चाहिए। जिससे प्रत्येक मानव सुख-शांतिमय जीवन व्यतीत कर सके। बताते चलें कि पिछले वर्ष 2023 में संत प्रवर श्री के पावन सान्निध्य में कश्मीर से कन्याकुमारी तक प्रथम राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा निकली। जिसमें कुल 25 राज्यों सहित 4 केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 28 हजार किलोमीटर की सड़क यात्रा की गई। जो जुलाई से नवम्बर (लगभग साढ़े चार महीने) तक अनवरत चलती रही। उसी क्रम को उलट कर इस वर्ष कन्याकुमारी से कश्मीर तक संकल्प यात्रा हो रही है। जो लगभग 11 राज्यों में संचालित हो चुकी है। अभी तक 20 हजार किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से संचालित हो चुकी है। यात्रा अभी अन्य राज्यों में होते हुए कश्मीर में विराम लेगी। बताया गया कि आगामी 06-07 दिसम्बर 2024 को विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह पर आयोजित होने वाले 25 हजार कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में अधिक से अधिक लोग आ सकें। और भारत की इस वैदिक संस्कृति के सम्पूर्ण भारतवासी साक्षी बन सकें, इसी पावन उद्देश्य से संत प्रवर के सान्निध्य में यह राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा हो रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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