राष्ट्रीय सभा में बहुमत नहीं जुटा पाने के बाद अध्यादेश पर वोटिंग से पीछे हटी ओली सरकार 

काठमांडू, 06 फरवरी (हि.स.)। नेपाल सरकार के पिछले महीने लाए गए 6 अध्यादेशों को गुरुवार को संसद के दोनों सदनों से पारित करने की कार्यसूची से हटा दिया गया है। उच्च सदन राष्ट्रीय सभा में सरकार के पक्ष में बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण सरकार को इससे पीछे हटना पड़ा है। प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार विष्णु रिमाल ने इसकी पुष्टि

की है।

कई कानूनों के संशोधन को लेकर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार ने पिछले महीने एक के बाद एक कर के छह अध्यादेश जारी किए थे। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक अध्यादेश जारी होने के बाद वाले संसद सत्र में इन अध्यादेशों को संसद के दोनों सदनों से पारित करने पर ही इनकी वैधता कायम रहती है।

ओली सरकार के पास प्रतिनिधि सभा में जहां दो तिहाई बहुमत है वहीं उच्च सदन राष्ट्रीय सभा में वो अल्पमत में है। राष्ट्रीय सभा में निर्णायक भूमिका में रहे जनता समाजवादी पार्टी नेपाल (जसपा नेपाल) के तीन सांसदों के समर्थन से ही यह अध्यादेश पारित होने वाला है। संसद की कार्रवाई शुरू होने तक जसपा नेपाल ने अध्यादेश पर कोई निर्णय नहीं किया था।

जसपा नेपाल के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने बताया कि अध्यादेश पर समर्थन को लेकर उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री ओली और सत्तारूढ़ गठबंधन दल के नेता शेर बहादुर देउवा से हुई है। उनकी कुछ मांगे हैं जिस पर सत्तारूढ़ दलों के तरफ से सकारात्मक जवाब आने के बाद ही वो निर्णय लेंगे।

इसी बीच कानून मंत्री अजय चौरसिया ने स्पीकर देवराज घिमिरे से मुलाकात कर संसद की कार्यसूची से अध्यादेश को पारित करने वाले विषय को हटाने का आग्रह किया, जिसके बाद दोनों सदनों से इसे हटा दिया गया है। कानून मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का संदेश लेकर वह स्पीकर घिमिरे से मिले और उनसे कार्यसूची बदलने का आग्रह किया है।

संसद सचिवालय की तरफ से संसद के दोनों सदनों प्रतिनिधि सभा और राष्ट्रीय सभा की कार्यसूची से अध्यादेश को बदलने वाले विषय को हटाए जाने की सूचना दे दी गई है। प्रधानमंत्री के प्रमुख सलाहकार विष्णु रिमाल ने कहा कि जसपा नेपाल से बातचीत कर समर्थन लेने के लिए समय लगेगा, इस कारण आज की बैठक की कार्यसूची से इसको हटा दिया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

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