कलम, कदम और कसम हमेशा भलाई के लिए ही उठाएं : पं. प्रदीप मिश्रा

धमतरी, 24 सितंबर (हि.स.)।ग्राम पंचायत कांटाकुर्रीडीह में आयोजित शिव महापुराण कथा का 24 सितंबर को दोपहर समापन हुआ। अंतिम दिन कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि धर्म को धंधा बनाकर कभी न खाएं, इसका खामियाजा पूरी पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा। अपने अंदर कभी भी छल व कपट आने न दें। छल के अंदर कभी भी जल काम नहीं करता। कलम व कदम राष्ट्रहित और अच्छे कार्याें के लिए ही चलाएं। वहीं देशहित के लिए ही कसम खाएं, तभी यह सार्थक है अन्यथा नहीं। चाहे आप कोई भी बड़े पद पर हो, भले कार्याें के लिए ही अपना कलम चलाए, ताकि जरूरतमंदों का उद्धार हो सके।

श्री रूद्रेश्वर महादेव संघ समिति बांसपारा कुकरेल एवं सभी शिव भक्तों के तत्वावधान में धमतरी जिले के ग्राम कांटाकुर्रीडीह में 20 सितंबर से 24 सितंबर तक शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया था। अंतिम दिन सुबह से ही कथा स्थल में लाखों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने उपस्थित थे। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि कलम, कदम और कसम हमेशा भलाई के लिए ही उठाए, बुराई के लिए कभी भी न उठाएं। पत्रकार कलम के बल पर बड़े-बड़े बेईमानों का पोल उजागर कर देता है। कलम का उपयोग अपने हित के लिए नहीं बल्कि दूसरों के हितों के लिए चलाना चाहिए। राष्ट्रहित के लिए कसम खाएं। धमतरी जिले में गौ हत्या होने नहीं देने के लिए कसम खाएं। छोटी-छोटी बच्चियों के साथ गलत कृत्य नहीं होने दूंगा, इसके लिए कसम खाएं। समाजहित के लिए कसम खाएं, तभी कसम खाना सार्थक होगा। बेटियों को कोई गलत दृष्टि से न देखें, इसके लिए कसम खाएं। सभी से प्रेम करने के लिए कसम खाएं। कदम वहां लेकर जाना जहां अच्छा काम हो। वेश्यावृत्ति, शराब के दुकान पर नहीं जाना। शिव महापुराण कथा के लिए ले जाना।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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