नए सीईसी पर बैठक को लेकर कांग्रेस ने उठाये सवाल, कहा- इसे स्थगित करना चाहिए
- Admin Admin
- Feb 17, 2025

नई दिल्ली, 17 फ़रवरी (हि.स.)। कांग्रेस ने देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए आज हुई बैठक पर सवाल उठाया है। पार्टी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 19 फरवरी को इस विषय में सुनवाई होगी और फैसला सुनाया जाएगा कि कमेटी का संविधान किस तरीके का होना चाहिए। इसके मद्देनजर आज की बैठक को स्थगित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन और पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले में कांग्रेस के स्टैंड के बारे में बताया। सिंघवी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए 2023 में एक एक्ट द चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स एक्ट लाया गया। इसके अनुसार प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और नेता विपक्ष की समिति मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन करती है लेकिन उसमें बहुत सारी संवैधानिक और कानूनी समस्याएं हैं। इन्हीं समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने बात रखी गई और सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2023 को एक फैसला दिया। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और उसकी निष्पक्षता के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की चयन समिति में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) और नेता विपक्ष हों। इसके बावजूद इस फैसले की आत्मा और उद्देश्य को बिना समझे, जल्दबाजी में द चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स एक्ट लाया गया। इस नए कानून में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के ठीक विपरीत काम किया गया, जिसमें पूरी तरह से कार्यपालिका मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन कर रही है।
सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए 2023 में जो नया कानून द चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स एक्ट लेकर आई है, इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर तीन आर्डर पास किए हैं और अगली सुनवाई 19 फरवरी के आस पास होनी है। इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर कांग्रेस का स्टैंड बड़ा स्पष्ट है। कांग्रेस का मानना है कि सीईसी के चुनाव से जुड़ी आज जो बैठक हुई है, उसे स्थगित किया जाए। मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट को ये याचिका दे कि सीईसी के चुनाव से जुड़ी सुनवाई जल्द की जाए। इसमें कांग्रेस की ओर से सरकार का पूरा समर्थन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को अपना अहंकार छोड़कर ये मांग माननी चाहिए।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने बैठक में शिरकत की है। हालांकि उसके बाद क्या हुआ? वह हम नहीं बता पाएंगे। अजय माकन ने कहा कि आज की बैठक गोपनीय थी, इसलिए पार्टी लाइन से अधिक हम कुछ और नहीं कह सकते हैं।
विदेशी चुनावी फंडिंग से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि किसी भी प्रकार की बाहरी ताकत का दखल हमारी लोकतांत्रिक और चुनाव प्रक्रिया के अंदर बिल्कुल अनुचित है। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साल 2012 में यह पैसा आया है, जिसके बारे में तब के मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने साफ किया है और उस बात की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। अमित मालवीय ने खुद ये ट्वीट किया है कि 'इससे किसको फायदा होगा? सत्तारूढ़ पार्टी को तो बिलकुल नहीं।' यानी इसका फायदा तो विपक्ष को हुआ और 2012 में भाजपा विपक्ष में थी। अगर पैसे आए भी हैं तो उसका फायदा भाजपा ने उठाया, क्योंकि तब भाजपा विपक्ष में थी और 2014 में सत्ता में आई, इसलिए इसकी भी जांच होनी चाहिए। माकन ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछले 10 वर्षों में लगभग 5,200 मिलियन डॉलर यूएसएड के हमारे देश में आए। ऐसे में इस मामले के हर पहलू की जांच हो। फिर जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव